म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं जिससे वो पलायन को मजबूर हो गए हैं। दाने-दाने को मजबूर रोहिंग्याओं के पास बांग्लादेश ही ऐसा ठिकाना रह गया है जो उसे शरण दे सके। हालांकि बांग्लादेश ने भी उन्हें अपने यहां ठिकाना देने से मना कर दिया है, फिर भी उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
म्यांमार के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में जारी हिंसा के कारण रोहिंग्या मुस्लिम अपनी जान बचाकर बांग्लादेश भाग रहे हैं। अब तक 18, 000 लोग वहां पहुंच गए हैं, जबकि अभी और हजारों लोग बांग्लादेश सीमा पर फंसे हुए हैं या वहां तक पहुंचने की जद्दोजहद में हैं। इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) ने इसकी जानकारी दी है।
बता दें कि म्यांमार के रखिन राज्य में बीते शुक्रवार को रोहिंग्या विद्रोहियों ने सुरक्षाबलों पर योजनाबद्ध तरीके से हमला कर दिया था, जिसके बाद से उनके बीच में हिंसा जारी है और रोहिंग्या मुस्लिमों को पलायन को मजबूर होना पड़ा है। दूसरी तरफ सरकार ने रखिन में रहने वाले हजारों बौद्धधर्मियों को सुरक्षित निकाल लिया है।
आईओएम ने बताया कि हिंसा के बाद से अब तक 18, 445 रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश पहुंच गए हैं। इनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं। हालांकि यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा पर कितने लोग फंसे हैं, मगर इतना जरूर है कि यहां हजारों लोग हैं। बांग्लादेश ने रोहिंग्या मुस्लिमों के अपने देश में घुसने पर रोक लगा दी है।
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश से कहा है कि वह रोहिंग्या मुस्लिमों को अपने यहां शरण दे। संयुक्त राष्ट्र रिफ्यूजी एजेंसी ने बताया कि मौजूदा समय में करीब चार लाख रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश के शरणार्थी कैंपों में रह रहे हैं, इसलिए वहां की सरकार अब और शरणार्थियों को जगह नहीं दे रही है।