पुलिस प्रशासन द्वारा अक्सर मासूम व निर्दोष व्यक्तियों पर गई बर्बरता, जघन्यता और ज्यादतियों की खबरें सुर्खियों में बनी रहती है। असम पुलिस प्रशासन की शर्मनाक सोच व बदसलूकी का शिकार हुई तीन बहनों के साथ मारपीट की गई। यौन शोषण किया गया। कपड़े उतरवाए गए। उन्हें लाठी से पीटा गया। और सब पुलिस कस्टडी में हुआ।
महिलाओं पर पुलिस की बर्बरता का यह मामला असम के दारंग जिले का है। दरअसल, यहां पर तीन बहनों के भाई के खिलाफ एक हिंदू महिला को जबरन अपने पास बंधक बनाने का मामला किया गया था। जिसके बाद पुलिस ने इन तीनों बहनों को गिरफ्तार कर लिया।
पीड़ित बहनों की उम्र क्रमशः 28, 30 और 18 वर्ष है, जिन्हें 9 सितंबर को रात 1.30 बजे उनके घर से पुलिस ने कस्टडी में लिया था। पुलिस का दावा है कि महिला से पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया गया था क्योंकि यह केस उनके भाई के खिलाफ हिंदू महिला को बंधक बनाने का था। शिकायत दर्ज कराने वाली महिला ने बताया कि हम अपने भाई से संपर्क नहीं कर सके हैं। इसके बाद उनका भाई पुलिस स्टेशन पहुंचा और उसने पूछा कि मेरी वजह से मेरी बहनों के साथ क्यों मारपीट की गई। इतने में पुलिस ने उसे भी पीटा। महिला ने बताया कि उनका भाई और महिला दोनों का अफेयर है।
वहीं इस पूरे मामले पर असम के डीजीपी कुलधर
सैकिया ने बताया कि थाने पर तैनात सब इंस्पेक्टर महेंद्र शर्मा और महिला कॉस्टेबल
बिनीता बोरो को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। उनके खिलाफ मंगलवार को
आपराधिक मामला दर्ज कर लिया गया है। इसके साथ ही इस पूरे मामले की एक हफ्ते के
भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। बीते 10 सितंबर को तीन
बहनों में से एक बहन ने अपनी लिखित शिकायत में कहा था कि पुलिस ने उन्हें नंगा
किया, हमारे साथ यौन शोषण किया, हमारे निजी अंगो को छुआ।
दरांग जिले के एसपी अमृत भूयान ने बताया कि अपहरण का मामला महिला के परिवार के खिलाफ 6 सितंबर को दर्ज कराया गया था,लेकिन अब आरोपी भाई को हिरासत में ले लिया गया है। पीड़िता ने बताया कि उसके भाई का एक महिला के साथ दो वर्षों से अफेयर है। दूसरी बहन ने बताया कि हमारे पास अफेयर के सबूत हैं, उसे किडनैप नहीं किया गया है। वहीं जब हिंदू महिला वापस आई तो उसने पुलिस को बताया कि उसे जबरन ले जाया गया था।