सहयोगियों की जगह अपना उम्मीदवार उतारते तो होती जीत – अहमद पटेल

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सहयोगी उम्मीदवारों की जगह अपना उम्मीदवार उतारते तो होती जीत – अहमत पटेल

गुजरात चुनाव में भले ही बीजेपी की जीत हुई है लेकिन पीएम मोदी का गृह राज्य होने के बाद भी भाजपा को जीत के लिए दांतों तले चने चबाने पड़े। भाजपा की जीत पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का कहना है कि भाजपा को सत्ता भल ही मिल गई हो लेकिन 150 सीटों पर फतह हासिल करने के बारे में सोचने वाली भाजपा की ये नैतिक हार है।

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अहमद पटेल ने ये आरोप लगाया कि भाजपा हर विधानसभा चुनाव में मेरे नाम का इस्तेमाल कर वोटों का ध्रुवीकरण करती है। भाजपा केवल कहती है कि हमने गुजरात में विकास किया है लेकिन जब चुनाव का समय आता है तो भाजपा वोटों का ध्रुवीकरण करने लगती है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने अपने सहयोगियों के बारे में कहा कि कम कई जगहों पर अपने सहयोगी नेताओं के उम्मीदवारों की जगह अगर अपने उम्मीदवार उतारते तो हमारी जीत होती। हो ना हो अहमद पटेल का इशारा अल्पेश ठाकोर, हार्दिक और उनके सहयोगियों के तरफ हो सकता है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने उत्तर गुजरात में अल्पेश ठाकोर के 12 सहयोगियों को उम्मीदवार बनाया था। अल्पेश ठाकोर चुनाव से कुछ दिन पहले ही कांग्रेस में आए थे।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रचार के बारे में अहमद पटेल ने कहा कि उन्होंने काफी अच्छी तरीके से प्रचार किया। वह लोगों को साथ लेकर चले, और एक आम कार्यकर्ता के साथ भी अच्छा टच बनाया। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस के कार्यकर्ता हमेशा से ही एक्टिव थे, लेकिन राज्यसभा चुनावों के बाद कार्यकर्ताओं ने चुनावों के लिए जोर पकड़ा।

गौरतलब है कि गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले हुए राज्यसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अहमद पटेल को हराने में एड़ी-चोटी का जोर लगाया था, लेकिन अहमद पटेल अंत में चुनाव जीते। चुनाव प्रचार के दौरान भी इस तरह के पोस्टर लगाए गए थे, जिनमें अहमद पटेल को कांग्रेस का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बताया जा रहा था।