नज़रबंद की हालत में भी कैसे आया पूर्व CM महबूबा मुफ्ती का ट्वीट

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जहाँ यह खबरे जोरो पर थी की कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबन्ध है , जम्मू-कश्मीर के आलाधिकारी को हाउस अरेस्ट किया गया है उनके ऊपर कड़े प्रतिबन्ध लगाए गए है इंटरनेट सेवा हो या कालिंग इन सभी सेवाओं से उन्हें वंचित रखा गया है। पर वही इन सभी बातों या इल्जाम पर कटाक्ष करता हुआ एक वाक्य सामने आया जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्मंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया।

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्मंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती का ट्विटर अकाउंट जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं बंद होने के बाद से ही उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती चला रही हैं, इससे इनके सफेद झूठ का परदा फर्श हो गया। इस ट्वीट में कहा गया है कि कुछ नेताओं को हिरासत से छूट ऐसे मिली है, जिन्हें कभी हिरासत में ही नहीं लिया गया था. दरअसल कुछ नेताओं की नजरबंदी हाल ही में खत्म की गई थी , जिन्हें माना जाता है कि वे सरकार समर्थक हैं।

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कांग्रेस के रमन भल्ला और पैंथर्स पार्टी के नेता हर्षदेव सिंह की नजरबंदी समाप्त कर दी गई, NC के देवेंद्र राणा व एसएस सलाथिया के ऊपर भी सारे प्रतिबन्ध हटा दिए गए है। प्रशासन की तरफ से नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (J&K NPP) जैसे राजनीतिक दलों के नेताओं को जम्मू में मुक्त कर दिया गया था।

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अगस्त के पहले हफ्ते में जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया गया था. जिसके बाद कई नेताओं, अलगाववादियों, कार्यकर्ताओं और वकीलों को हिरासत में लिया गया था।

अभी घाटी में परिस्थिति सामान्य है और लोग अपनी रोज़मर्रा की सभी कार्य कर रहे है। स्कूल दुकाने खुल चुके है। महबूबा मुफ्ती का ऐसा ट्वीट आना बेसक से लोगो को भड़काने का काम कर रही है , जो निश्चित रूप से गलत है।