ये दो लड़कियां थी वॉशरूम में, बाउंसर घुस बैठे अंदर फिर ये हुआ…

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the state hotel

दो महिलाएं जो कि स्वतंत्र हैं और समाज में सम्मान के साथ रहती हैं। मगर ऐसे में थोड़े वक्त के लिए एक होटल में रहने पर उनके साथ सिर्फ इस आधार पर दुर्व्यवहार किया जाता है कि वे दोनों एक समान लिंग की है। पूरा मामला पिछले महीने की 28 जुलाई का है।

दरअसल, करीब बीस वर्ष की दो महिलाओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें 28 जुलाई को चेन्नई के एक होटल से उनके व्यवहार के आधार पर बाहर निकाल दिया गया। हालांकि होटल का इस मामले में कहना है- कि अन्य मेहमान उनकी संवेदनशीलता से नाराज थे। रासिका गोपालकृष्णन और शिवांगी सिंह की ये दो महिलाएं हैं, जिन्हें होटल से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

इस घटना का आंखों देखा हाल सुनाते हुए पीड़िता गोपालकृष्णन ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘मैंने और मेरी दोस्त ने शनिवार (27 जुलाई, 2019) रात ‘द स्टेट होटल’ बार में जाने का फैसला लिया। डांसिंग के दौरान, चार से पांच पुरुष थे जो बार में खड़े थे, लगातार हमें घूर जा रहे थे, इससे हम बहुत असहज हो गए।’ फेसबुक पोस्ट में आगे लिखा गया, ‘जहां तक हमें पता था, वहां हर कोई अपने आप में इतना ही एन्जॉय कर था जितना हमने किया। फिर भी हम पर इतना अनुचित ध्यान आकर्षित किया गया? इसे पचाना इतना मुश्किल क्यों था कि एक ही सेक्स के दो एक साथ डांस कर रहे थे?’

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रासिका और शिवांगी की मानें को व दोनों वॉशरूम में चले गए। रासिका गोपालकृष्णन ने बताया, ‘कुछ देर बाद हमने अपने दरवाजे पर तेज आवाज सुनी। वॉशरूम के बाहर से हम दोनों को बाहर आने के लिए कहा गया। कुछ ही क्षण में चार पुरुष बाउंसर और एक महिला बाउंसर वॉशरूम के भीतर ही मौजूद थे। उन्होंने हमसे जबरन पूछा कि वॉशरूम के भीतर हम दोनों क्या कर रहे थे? उन्होंने हम पर कुछ करने का आरोप लगाया। उन्होंने हमें चेतावनी दी कि अन्य गेस्टों ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने हमसे तुरंत बाहर से जाने के लिए कहा और हम वहां से निकल आए।’

गोपालकृष्णन की जो शिकायत दी है उसके मुताबिक, ‘वह और उनकी दोस्त होटल में अन्य मेहमानों के साथ झगड़ा किए बिना अपने खुद के व्यवसाय के बारे में सोच रहे थे और ना ही उनके साथ दुर्व्यवहार किया।’ उन्होंने आगे कहा कि हमें आश्चर्य है कि कैसे होटल ने उन्हें और उनके दोस्त को सही कारण बताने की शालीनता के बिना बाहर निकाल सकता है। उन्होंने आगे कहा कि स्टाफ की तरफ से ऐसा अपमानजनक और अव्यवसायिक व्यवहार अस्वीकार्य है। उनकी हिम्मत कैसे हुई कि वे मान लें कि हम कुछ करेंगे।

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