हिंदू धर्म की मुताबिक परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं। परशुराम भगवान शिव के परम भक्तों में से एक थे। पौराणिक कथा के अनुसार इन्होंने धरती पर 21 बार क्षत्रियों का संहार किया था। भगवन पशुराम से जोड़े ऐसे कई रोचक तथ्ये है जिनसे आप अवगत नहीं होंगे। झारखंड की राजधानी रांची में 150 किमी की दूरी पर घने जंगलों में स्थित टांगीनाथ धाम के बारे में एक कथा काफी प्रचिलित है। ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान परशुराम का फरसा गड़ा हुआ है। यह इलाका नक्सल प्रभावित इलाकों में से एक है। यहां स्थानीय भाषा में फरसा को टांगी कहा जाता है इसलिए इस जगह का नाम टांगीनाथ धाम पड़ गया है।
यह फरसा यहां हजारों साल से बिना किसी देख रेख के गड़ा हुआ है लेकिन आज तक इस पर जंग नहीं लगा है। लोगों का कहना है कि फरसा भूमि में कितना गड़ा हुआ है यह कोई नहीं जानता। इसके बारे में एक कहानी भी प्रचलित है।
कहा जाता है कि एक बार इस इलाके में लोहार आकर रहने लगे थे। काम के दौरान उन्हें लोहे की जरूरत हुई तो उन्होंने परशुराम का यह फरसा काटने की कोशिश की। काफी मश्कत के बाबजूद भी वे फरसा नहीं काट पाए लेकिन इसका परिणाम काफी बुरा निकला उसे परिवार के सदस्यों की मौत होने लगी। इसके बाद उन्होंने वह इलाका छोड़ दिया। आज भी टांगीनाथ धाम के आसपास लोहार नहीं रहते।
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यह भगवान पशुराम से जोड़ा ऐसा किस्सा है , जिससे काफी लोग प्रचिलित नहीं होंगे। इस कथा से यह भी आभास होता है कि अभी भी भगवान पशुराम की शाक्ति और अस्तित्व पृथ्वी पर विद्यमान है।