भारत के अनसुने पहलु या रोचक तथ्य

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भारत के अनसुने रोचक तथ्य

भारत विविधताओं का देश है। विश्व गुरु के रूप में दर्जा प्राप्त भारत में कई खूबियां ऐसी हैं जिसे हम भारतीय भी नहीं जानते हैं। अपना देश ही शायद दुनिया का पहला ऐसा देश होगा जहाँ पर इतनी सारी भाषाएँ बोलने वाले और अलग-अलग सभ्यता के लोग रहते हैं।

महात्मा गांधी ने भारत को ‘गावों का देश’ कहा है। यह बात सच भी है। ये गाँव अपनी अलग तरह की रहन-सहन शैली से सभी को आकर्षित करते हैं। आज हम ऐसे चार गाँवों के बारें में जानेंगे जो पूरी दुनिया में मशहूर हैं। आइये इस बारें में विस्तार से जानते हैं।

कर्नाटक के शिमोगा जिले में दूर स्थित मत्तूर गाँव में अगर किसी भी घर में घुसे तो वहां आपको संस्कृति भाषा सुनने को मिलेगी। 21 वीं सदी में मत्तूर दुनिया के उन गाँवों में से है एक है जहाँ के निवासी संस्कृति भाषा में बात करते हैं।

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रोचक तथ्य

मत्तूर से अब तक करीब 30 से अधिक संस्कृत प्रोफेसर हुए हैं जो कुवेम्पु, बेंगलुरु, मैसूर और मैंगलोर विश्वविद्यालयों में पढ़ा रहे हैं। मत्तूर कई मशहूर व्यक्तित्वों का गाँव भी है, जिसमें भारतीय विद्या भवन बेंगलुरु के माथुर कृष्णमूर्ति, वायलिन वादक वेंकटरम, और गामाका विस्तारक एच.आर. केशवमूर्ति मत्तुर में संस्कृति बोलने की शुरुआत संन्न 1981 में शुरू हुई जब संस्कृति भाषा को बढ़ावा देने वाली संस्था ‘संस्कृत भारती’ ने मत्तूर में 10 दिवसीय संस्कृत वर्कशॉप का आयोजन किया।

ग्रामीणों को उत्सुकता से संस्कृत के बारें में बताया गया और उनसे संस्कृति को संरक्षित करने के लिए कहा गया। इसके लिए उन्हें संस्कृति में बात करने और संस्कृति में ही दिन के सभी काम निपटाने के लिए कहा गया।

तब से लेकर अबतक यह प्रथा चली आ रही है। आज यह गाँव दुनिया का पहला गाँव बन गया कोडिन्ही लोकप्रिय रूप से ‘ट्विन टाउन’ अर्थात ‘जुड़वां गाँव’ के नाम से जाना जाता है। यह गाँव भारत के केरल में मलप्पुरम जिले में स्थित है। कोडिन्ही गाँव मलप्पुरम शहर से लगभग 15 मील की दूरी पर स्थित है। यहाँ पर दुनिया में जुड़वां बच्चों की सबसे अधिक जन्म दर है।

रोचक तथ्य

कोडिन्ही में हर साल पैदा होने वाले असामान्य रूप से जुड़वाँ बच्चे होते हैं। यहाँ आबादी करीब 2000 लोगों की होगी और यहाँ करीब 204 जुड़वां लोग हैं। यह संख्या वक़्त के अनुसार अब भी बढ़ रही है।

हर साल लगभग 15 जुड़वां पैदा होते हैं। शहर की लगभग 10% आबादी जुड़वां हैं। कोडिन्ही में हर 1,000 पैदा हुए बच्चों में 45 जुड़वां बच्चे हैं। भारत के बाकी हिस्सों की तुलना में जहां जुड़वा जन्म दर हर 1,000 में से 4 है। इस

घटना ने शोधकर्ताओं को मोहित कर दिया है, लेकिन उन्हें अभी भी इसका कोई कारण नहीं मिला है। ग्रामीणों के अनुसार जुड़वाँ घटनाएं 1949 से ही होती आ रही हैं।

धोकड़ा गाँव भारत के गुजरात में कच्छ जिले के मांडवी तहसील में स्थित है। यह गाँव इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि यहाँ दूध या दूध से बनी चीजों को बेचा नहीं जाता है। इस गाँव में जिसके पास भैंस नहीं होती है उसे दूध, दही और अन्य चीज़ें भी फ्री में दी जाती है। इस गाँव में दूध न बेचने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

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धोकड़ा में ज्यादातर ग्रामीण ही रहते हैं। इसकी आबादी करीब 5,000 है। यहाँ पर ग्रामीण लोग मवेशी पालते हैं। यहाँ पर दूध और दही को स्थानीय लोगों के साथ-साथ आस-पास के गांवों के लोगों को भी मुफ्त में वितरित किया जाता है।