महाभारत काल के कुछ ऐसे स्थान, जिनका आज भी है अस्तित्व

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महाभारत काल के कुछ ऐसे स्थान, जिनका आज भी है अस्तित्व

महाभारत का भीषण युद्ध की कहानी सुनकर आज भी अधिकतर लोगो को रोंगटे खड़े हो जाते है। महाभारत के कथा जितनी अपने भव्य इतिहास के कारण विख्यात है , उतना ही आपने प्रशिद्ध जगहों के लिए भी महाभारत काफी प्रचलित है , क्या आप जानते महाभारत के बाद जहा दुपर युग की समाप्ति हुई उसके बाद भी महाभारत से प्रचलित जगह मौजूद है। चलिए आपको बताते है ऐसे ही कुछ जगह के बारे में

महाभारत

तक्षशिला – गांधार देश की राजधानी के तोर पर विख्यात तक्षशिला, इस वक़्त रावलपिन्डी कहा जाता है। तक्षशिला को ज्ञान और शिक्षा की नगरी भी कहा गया है। महाभारत में शकुनि गांधार राज के तोर पर मशहूर थे।

मगध – दक्षिण बिहार में मौजूद मगध जरासंध की राजधानी थी। जरासंध की दो पुत्रियां अस्ती और प्राप्ति का विवाह कंस से हुआ था। जब भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया, तब वह अनायास ही जरासंध के दुश्मन बन बैठे। जरासंध ने मथुरा पर कई बार हमला किया। बाद में एक मल्लयुद्ध के दौरान भीम ने जरासंध का अंत किया। महाभारत के युद्ध में मगध की जनता ने पांडवों का समर्थन किया था।

हस्तिनापुर- महाभारत में उल्लिखित हस्तिनापुर का इलाका मेरठ के आसपास है। यह स्थान चन्द्रवंशी राजाओं की राजधानी थी। सही मायने में महाभारत युद्ध की पटकथा यहीं लिखी गई थी। महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने हस्तिनापुर को अपने राज्य की राजधानी बनाया।

महाभारत काल

गांधार- आज के कंधार को कभी गांधार के रूप में जाना जाता था। यह देश पाकिस्तान के रावलपिन्डी से लेकर सुदूर अफगानिस्तान तक फैला हुआ था। धृतराष्ट्र की पत्नी गांधारी वहां के राजा सुबल की पुत्री थीं। गांधारी के भाई शकुनी दुर्योधन के मामा थे।महाभारत में शकुनि गांधार राज के तोर पर मशहूर थे।

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कुरुक्षेत्र- महाभारत युद्ध का बना साक्षी कुरुक्षेत्र हरियाणा में स्थित है। यहां महाभारत की प्रसिद्ध लड़ाई हुई थी। यही नहीं, आदिकाल में ब्रह्माजी ने यहां यज्ञ का आयोजन किया था। इस स्थान पर एक ब्रह्म सरोवर या ब्रह्मकुंड भी है। महाभारत के युद्ध के लिए कुरुक्षेत्र को इसलिए चुना गया था की परिवार के बीच हो रहे इस भीषण युद्ध में पांडव कमजोर न पड़ जाए और आपने शास्त्र समर्पित न कर दे।