UP Chunav: क्या जेल से फिर चुनाव जीत जाएंगे बाहुबली मुख्तार अंसारी? क्या रहा है इतिहास

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UP Chunav: क्या जेल से फिर चुनाव जीत जाएंगे बाहुबली मुख्तार अंसारी? क्या रहा है इतिहास

लखनऊ
यूपी की सियासत में बाहुबल और सत्ता का पुराना नाता रहा है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही सभी राजनीतिक पार्टियां साल 2022 के चुनावी दंगल में अपनी पूरी ताकत झोंकने में जुट गई हैं। ऐसे में बाहुबली गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के चुनाव लड़ने की चर्चा भी तेज है। यूपी की बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी इससे पहले बसपा के टिकट पर उत्तर प्रदेश की मऊ विधानसभा सीट से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। वहीं उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव भी आगरा जेल में बैठकर लड़ा था। हालांकि उसमें उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई थी।

पिछले साल दिसंबर महीने में अंसारी के दोनों बेटे अपने पिता से मिलने बांदा मंडल कारागार पहुंचे थे। यहां उन्होंने अपने पिता मुख्तार अंसारी के चुनाव लड़ने की बात कही थी। मुलाकात कर जेल से बाहर निकलने के बाद माफिया के बड़े बेटे अब्बास अंसारी ने मीडिया से बात की। इस दौरान अब्बास ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला।

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उन्होंने कहा कि 2022 के चुनाव में इस सरकार का खेल खत्म हो जाएगा। तब अब्बास ने आरोप लगते हुए कहा कि अंसारी परिवार के साथ ज्यादती की जा रही है। यह चीज अब ज्यादा दिन नहीं चलेगी। इस सरकार में मानवाधिकार का हनन किया जा रहा है। एक जनप्रतिनिधि के साथ बर्बरता की जा रही है। आने वाले समय में सत्ता परिवर्तन तय है।

‘मुख्तार चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे’- बेटा अब्बास

वहीं, मुख्तार अंसारी के चुनाव लड़े जाने के बारे में पूछने पर अब्बास ने कहा था कि वह निश्चित तौर पर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। अंसारी परिवार देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ा है। हम ऐसे डरने वाले नहीं हैं। ऐसे में तब से ही अंसारी के जेल के अंदर से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है।

इससे पहले बाहुबली विधायक के भाई और सपा नेता सिबगतुल्लाह ने भी कुछ दिनों पहले मुख्तार के चुनाव लड़ने की बात कही थी। इसके बाद ही मुख्तार के बेटे ने भी इस खबर पर अपनी मुहर लगा दी थी। हालांकि, मुख्तार कहां और किस पार्टी से चुनाव लड़ेगें यह अभी तय नहीं है। लेकिन संभावना जताई जा रही है कि मुख्तार सपा से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, अभी तक सपा की तरफ से ऐसी कोई जानकारी नहीं हैं।

बतादें साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले माफिया मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का बसपा में विलय कर दिया गया था। मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी मऊ जिले की घोसी सीट से जबकि भाई सिबगतुल्ला अंसारी गाजीपुर जिले की मुहम्मदाबाद (यूसुफपुर) सीट से चुनाव लड़ रहे थे, मगर इन दोनों को ही हार का मुंह देखना पड़ा। वहीं मुख्तार ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के महेंद्र राजभर को 7464 मतों से हराया था। वहीं उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव भी आगार जेल में बैठकर लड़ा था। हालांकि उसमें उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई थी। वहीं उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव भी आगार जेल में बैठकर लड़ा था। हालांकि उसमें उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई थी।

मुख्तार अंसारी (फाइल फोटो)

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