UP Chunav 2022: BSP को कानपुर मंडल में नहीं मिल रहे चर्चित चेहरे… अब तक 27 में से 09 सीटों पर उतारे प्रत्याशी
सुमित शर्मा, कानपुर
यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhan Sabha Chuna 2022) से पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) टूट चुकी है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती के अड़ियल रवैए की वजह से अपने साथ छोड़कर चले गए हैं। यूपी विधानसभा चुनाव नजदीक और और बीएसपी को कानपुर मंडल में चर्चित चेहरे नहीं मिल रहे हैं। जिसका खामियाजा कानपुर मंडल सेक्टर प्रभारी नौशाद अली को भुगतना पड़ा है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने नौशाद अली को मंडल सेक्टर प्रभारी पद से हटा दिया है। दरअसल, नौशाद अली को कानपुर मंडल में चर्चित चेहरे नहीं मिल रहे थे।
कानपुर मंडल में 27 विधानसभा सीटें हैं। कानपुर मंडल सेक्टर प्रभारी नौशाद अली कानपुर मंडल की 27 सीटों में से 09 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। जानकारी के मुताबिक, नौशाद अली की इस लापरवाही से बीएसपी सुप्रीमो नाराज थीं। नौशाद अली के हटाए जाने के बाद कानपुर-मंडल में मुस्लिम पदाधिकारियों का प्रतिनिधित्व खत्म हो गया है। कानपुर मंडल की जिम्मेदारी जाटव समाज के पदाधिकारियों को सौंपी गई है। नौशाद अली को झांसी और मिर्जापुर की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हाथी पर दांव नहीं लगाना चाहते हैं दावेदार
यदि कानपुर मंडल की बात की जाए तो बीएसपी की टिकट के लिए उतावले घूम रहे दावेदारों ने अपने कदम पीछे खींच रहे हैं। बीएसपी सुप्रीमो के अड़ियल रवैये और पार्टी के गिरते ग्राफ को देखकर टिकट के दावेदार हाथी पर दांव नहीं लगाना चाहते हैं। बीएसपी सुप्रीमो मायावती 2007 मॉडल पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं। उन्होने पूरे प्रदेश में प्रबु़द्ध वर्ग गोष्ठी का आयोजन किया था, लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक आते-आते ब्राह्मण वोटर पार्टी से दूरी बना रहे हैं।
बीएसपी का गिर रहा है ग्राफ
पिछले एक दशक से बीएसपी का प्रदर्शन लगातार गिरता चला जा रहा है। 2012 और 2017 विधानसभा चुनाव, इसके साथ ही 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को बुरी तरह से हार का सामना करना है। वहीं, पंचायत चुनाव 2021 में भी पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई है। बीते 2017 विधानसभा चुनाव में बीएसपी कानपुर-बुंदेलखंड में एक भी सीट जीत नहीं पाई थी।
UP Chunav 2022: BSP को कानपुर मंडल में नहीं मिल रहे चर्चित चेहरे… अब तक 27 में से 09 सीटों पर उतारे प्रत्याशी
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यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhan Sabha Chuna 2022) से पहले बहुजन समाज पार्टी (BSP) टूट चुकी है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती के अड़ियल रवैए की वजह से अपने साथ छोड़कर चले गए हैं। यूपी विधानसभा चुनाव नजदीक और और बीएसपी को कानपुर मंडल में चर्चित चेहरे नहीं मिल रहे हैं। जिसका खामियाजा कानपुर मंडल सेक्टर प्रभारी नौशाद अली को भुगतना पड़ा है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने नौशाद अली को मंडल सेक्टर प्रभारी पद से हटा दिया है। दरअसल, नौशाद अली को कानपुर मंडल में चर्चित चेहरे नहीं मिल रहे थे।
हाथी पर दांव नहीं लगाना चाहते हैं दावेदार
यदि कानपुर मंडल की बात की जाए तो बीएसपी की टिकट के लिए उतावले घूम रहे दावेदारों ने अपने कदम पीछे खींच रहे हैं। बीएसपी सुप्रीमो के अड़ियल रवैये और पार्टी के गिरते ग्राफ को देखकर टिकट के दावेदार हाथी पर दांव नहीं लगाना चाहते हैं। बीएसपी सुप्रीमो मायावती 2007 मॉडल पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं। उन्होने पूरे प्रदेश में प्रबु़द्ध वर्ग गोष्ठी का आयोजन किया था, लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 नजदीक आते-आते ब्राह्मण वोटर पार्टी से दूरी बना रहे हैं।
बीएसपी का गिर रहा है ग्राफ
पिछले एक दशक से बीएसपी का प्रदर्शन लगातार गिरता चला जा रहा है। 2012 और 2017 विधानसभा चुनाव, इसके साथ ही 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को बुरी तरह से हार का सामना करना है। वहीं, पंचायत चुनाव 2021 में भी पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई है। बीते 2017 विधानसभा चुनाव में बीएसपी कानपुर-बुंदेलखंड में एक भी सीट जीत नहीं पाई थी।
UP Chunav 2022: BSP को कानपुर मंडल में नहीं मिल रहे चर्चित चेहरे… अब तक 27 में से 09 सीटों पर उतारे प्रत्याशी