योगी सरकार जल्द ही ले सकती है एक अहम फैसला, अब 80 की जगह हो सकते है 50 मंत्रालय

326

नई दिल्ली: आने वाले चुनाव को लेकर मोदी सरकार जीतने के कई हथकंडे अपनाती नजर आ रही है. अब जल्द ही उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल में फेरबदल देखने को मिल सकता है. कुछ दिन पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरएसएस के नेताओं के साथ मुलाकात की है.

बता दें कि बैठक में उत्तर प्रदेश में मंत्रालयों की संख्या 80 से कम कर के 50 करने पर विचार-विर्मश किया गया है. अगर ऐसा अहम निर्णय अगर जल्द ही योगी सरकार ले लेती है तो कई मंत्रियों की कुर्सी जाने की पूरी संभावना है. इस बैठक में लोकसभा चुनावों, राम मंदिर समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर भी चर्चा की गई है. आपको बता दें कि कुछ महीने पहले हुए लोकसभा उप चुनावों में बीजेपी को करारी शिकस्त मिली थी. जिसके तहत यूपी में योगी के कामकाज को लेकर सवाल भी उठने लगे है.

up yogi cabinet may be reduce and many ministers lost cabinet 1 news4social -

योगी आदित्यनाथ खासतौर पर दिल्ली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव भैय्याजी जोशी और वरिष्ठ नेता कृष्ण गोपाल से मिलने आए. इस मुलाकात के दौरान कुछ समय बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत वह  पहुंचे पर सूत्रों के अनुसार, कुछ कारणों से योगी की मुलाकात भगवत से नहीं हो पाई दिल्ली में सुबह संघ नेताओं से मिलने के बाद वह शाम को लखनऊ में भी संघ नेताओं से मिले.

यह भी पढ़ें: योगी सरकार के इस मंत्री का दिल आया अखिलेश और मुलायम के बंगले पर

जानकरी के मुताबिक, यह मुलाकात अयोध्या में संत सम्मेलन के एक दिन बाद हुई जहां संतों ने राम मंदिर के निर्माण पर देरी को लेकर अपनी नारजगी व्यक्त की. रामविलास वेदांती ने कहा है कि इस सम्मेलन में योगी भी शामिल थे, जिन्होंने संतों की नाराजगी को समीप से देखा. पर योगी ने इस पर अदालत के फैसले में देरी में नाम लिए बिना कांग्रेस पार्टी के नेता कपिल सिब्बल पर तंच कसा.

योगी ने नेताओं को राम मंदिर को लेकर संतों के रुख से भी अवगत

इस सम्मेलन के दौरान उत्तर प्रदेश योगी ने संघ के नेताओं को राम मंदिर को लेकर संतों के रुख से भी अवगत कराया. इस आगामी चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. उपचुनाव में बीजेपी को मिली हार से यूपी के मुख्यमंत्री योगी पर जहां एक तरफ सवालों का पहाड़ खड़ा हो चुका है. वहीं विपक्षी दलों ने आपसी गठबंधन बनकर बीजेपी को आने वाले चुनावों में अधिक बहुमत से हराने का सोचा है. संघ और भारतीय जनता पार्टी का माना है कि अब राम मंदिर पर बात करना से कुछ नहीं होगा. ऐसे में राम मंदिर के निर्मण कोलेकर मोदी सरकार जल्द ही कोई फैसला करती नजर आएगी या नहीं यह तो कुछ समय में पता चल जाएगा. अब बीजेपी चुनाव को लेकर काफी गंभीर भी दिख रही है.