उत्तरप्रदेश: सामूहिक विवाह योजना में दुल्हनों से धोखा

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गरीब बेटियों की मदद करने के बजाय कुछ लोगों ने उनके हक का पैसा भी मार लिया है. यूपी में गरीब बेटियों की शादी के लिए सामूहिक विवाह योजना बनाई गयी है. उत्तरप्रदेश के औरैया जिले में  मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के दौरान जिला प्रशासन पर धोखा करने का आरोप लगा है. मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब दुल्हनों ने सुनार के पास इनकी जांच करवाई. पीड़ित विवाहित महिलाओं ने मामले की शिकायत डीएम से की जिस पर जांच के आदेश दिए हैं.

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18 फरवरी को जिलाधिकारी की देख रेख में हुए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 48 जोड़े शादी के बंधन में बंधे थे. इस दौरान जिला प्रशासन ने प्रचार प्रसार कर खूब वाहवाही भी लूटी थी. बैंड बाजा बजवाकर शासन की तरफ से दी जाने वाली मदद में से इज्जत घर (दुल्हन का घर) और दहेज रूपी कुछ समान देकर विवाहित जोड़ों को विदा किया गया. मगर सामूहिक विवाह के आठ दिन बाद ही दुल्हनों ने जिला प्रशासन के दावों की कलई खोल दी.

नवविवाहिता रचना कुमारी, सरबिन, पिंकी, सत्यवती, यास्मीन बानो, नीरज व कुसुमलता ने डीएम को प्रार्थना पत्र देकर बताया है कि सामूहिक विवाह में उनको तोहफे के रूप में दी गई पायल और बिछिया को चांदी का बताया गया था. बाद में जब सुनार से इनकी जांच कराई तो पायल और बिछिया के लोहे से बना होने के बारे में पता चला.

औरैया के डीएम श्रीकांत मिश्रा ने कहा कि मामले की जांच के आदेश जिला समाज कल्याण अधिकारी को दिए है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. जिला समाज कल्याण अधिकारी विनीत तिवारी ने बताया कि ई-टेंडरिंग के जरिए इटावा की एक फर्म ने दस हजार रुपये में पायल, बिछिया, बर्तन, डिनर सेट व लहंगा चुनरी तथा बक्सा दिया था. बिछिया व पायल चांदी की देने की बात हुई थी. शिकायत करने आई महिलाओं से पायल व बिछिया जमा करा ली गई है. फ़िलहाल जब्त किये गए गहने की जांच कराई जा रही है. इसके आलावा फर्म को प्रतिबंधित कर भुगतान पर रोक लगाई जाएगी.