उपराष्ट्रपति अल्पकालिक अवधि की माफियों के प्रति चेताया

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उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू
उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू

भारत के उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू भारत की हालात पर बात करते हुए कुछ मुद्दों के प्रति चेताया. उन्होनें कहा कि अल्पकालिक अवधि की माफियों और मुफ्त उपहार कभी भी देश की गरीबी को दूर नहीं कर सकतें हैं. हमें अल्पकालिक अवधि की माफियों और मुफ्त उपहार की बजाय गरीब लोगों की तरक्की के लिए लंबे समय की योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए.

इसके साथ उपराष्ट्रपति जी ने ये भी कहा कि देश के नीति निर्माताओं को गरीबी दूर करने के लिए दीर्घकालिक नीति, समाधान ढूंढ़ने पर ध्यान देना चाहिए. इसके साथ ही श्री एम. वेंकैया नायडू जी ने अनुरोध किया कि जो लोग सार्वजनिक जीवन में आए हैं उनकों भी लोगों में एकता लाने के लिए प्रयास करना चाहिए तथा सार्वजनिक जीवन में आए लोगों को हमेशा अपने कार्य को सेवा का मिशन समझना चाहिए।

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अपने स्वार्थ के लिए दल-बदलने वाले विधायकों और सांसदों के बारे में भी विचार प्रकट करते हुए कहा कि दल – बदल का कारण नीति मतभेद हो तो ठीक लेकिन आजकल सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए दल-बदलने का चलन चला हुआ है. इसके साथ ही सुझाव भी दिया कि अगर कोई दल-बदलता है तो आपको पहले इस्तीफा देना चाहिए इस तरीके का कानून बनाना चाहिए.

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उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि लोकतांत्रिक में जनता का निर्णय ही सर्वोच्च होता हैं, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि कुछ लोगों ने जनादेश के प्रति असहिष्णु भाव विकसित कर लिए है। उन्होंने संसद तथा राज्य विधानपालिकाओं में कामकाज में अवरोध पैदा करने और प्रक्रियाओं के उल्लंघन पर भी अपनी चिंता व्यक्त की।