दलितों का आरोप सवर्णों ने आईकार्ड देखकर की है नीच हरकत, अब हम भी करारा जवाब देंगे

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सोमवार 2 अप्रैल को देशभर में दलित समाज द्वारा बुलाए गए भारत बंद  के बाद राजस्थान में सवर्णों पर इस समुदाय से मारपीट करने का आरोप है. दलित समाज के लोगों का कहना है कि उन्हें परेशान किया जा रहा है और सवर्णों ने उनका आई कार्ड देखकर उनसे अभद्रता की है. सवर्णों की इस हरकत पर दलित समाज ने हिन्दू धर्म छोड़ने की धमकी भी दी है.

दलित समुदाय के एक शख्स ने बताया कि भारत बंद के बाद हिंडौन सिटी की जाटव बस्ती में भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास भारी तादाद में सवर्ण इकट्ठा हुए और आई कार्ड से पहचान कर मारपीट की. मारपीट की जानकारी दे रहे शख्स ने कहा है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो इस्लाम धर्म अपना लेंगे. पीड़ित अश्विनी जाटव ने बताया, “मारपीट करने से पहले उन्होंने हमारा आई कार्ड चेक किया. सभी ऊंची जाति के थे जिन्होंने महिलाओं को भी नहीं छोड़ा. उनके साथ भी मारपीट की गई.”

बता दें कि भारत बंद के बाद भीड़ ने राज्य में दो दलित राजनेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया था. भीड़ ने दलित भाजपा विधायक राजकुमारी जाटव और कांग्रेस नेता भरोसी लाल जाटव का घर जला दिया. घटना के वक्त दोनों अपने घर में नहीं थे. दोनों नेताओं के घरों के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. हिंडौन में कर्फ्यू लगा दिया गया है, साथ ही इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई थी.

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वहीं, अश्विनी का आरोप है कि हमलावरों में अधिकतर लोग हिंदू कट्टरपंथी संगठनों के सदस्य थे. हालांकि, पुलिस ने इससे इनकार किया है. पुलिस का कहना है कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिलता, जिससे यह साबित हो सके कि घटना में कट्टरपंथी संगठन शामिल था. कानून-व्यवस्था के एडीजीपी एनआरके रेड्डी ने कहा, “शुरुआती जांच शुरू कर दी गई है. हम सभी पहलुओं से मामले की जांच कर रहे हैं.”

दलित समुदाय से आने वाले दो लोगों का आरोप है कि शहर के स्टेशन रोड पर उन्हें बुरी तरह पीटा गया. जाटव समुदाय के अन्य लोगों ने बताया कि इस हिंसा के पीछे असामाजिक तत्व थे. वहीं, भाजपा विधायक राजकुमारी जाटव ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.