पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के बाद दिल्ली सल्तनत का क्या हुआ ?

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पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के बाद दिल्ली सल्तनत का क्या हुआ ?

भारत की भूमि पर अनेक ऐसे सपूतों ने जन्म लिया , जिसे भारत माता की रक्षा के अपनी जान की बाजी लगाकर अपने दुश्मन को धूल चटाकर विजय का गौरव पाया। हमारे इतिहास ने इन योद्धाओं को वीरगति से नवाजा, सदियां बीतने के बाद आज भी इन्हें शूरवीर को याद किया जाता है और इनकी मिसाले दी जाती है।

एक ऐसा ही वीर योद्धा था पृथ्वीराज चौहान जिसका नाम सुनाने से दुश्मनों की रूह काँप जाती थी। पृथ्वीराज एक ऐसे वीर योद्धा थे जिन्होंने बचपन में ही अपने हाथों से शेर का जबड़ा फाड़ दिया था।

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पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु

दिल्ली पर शासन करने वाले आखिरी हिन्दू शासक थे। आप जानकार हैरान हो जाएंगे की पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गोरी को 16 बार धूल चटाई थी लेकिन हर बार उसे जीवित छोड़ दिया। गोरी ने अपनी हार का और जयचंद ने अपने अपमान का बदला लेने के लिए एक-दूसरे से हाथ मिला लिया। जयचंद ने अपना सैनिक बल पृथ्वीराज चौहान को सौंप दिया, जिसके फलस्वरूप युद्ध में पृथ्वीराज चौहान को बंधक बना लिया गया।

पृथ्वीराज की दोनों आँखों को फोड़ दिया गया था , फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और मोहम्मद गोरी धाराशायी पर बाण चलाया दिया जिससे वो धाराशायी हो गया। कहते हैं दुश्मन के हाथ से मरने से अच्छा है किसी अपने के हाथ से मरा जाए।

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पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के बाद मोहम्मद गोरी ने दिल्ली पर कब्ज़ा जमा लिया और घोरी को दिल्ली के सुल्तान के रूप में ताज पहनाया गया, उन्होंने हिंदू विरोधी अभियान शुरू किया, उन्होंने हिंदुओं को इस्लाम स्वीकार करने के लिए मजबूर किया, जिन्होंने इस्लाम को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। उसने न केवल हिंदुओं का सिर कलम किया, बल्कि उसने भेड़ियों की तरह हिंदू महिलाओं का भी बेरहमी से रेप किया।

उसने हिंदू देवताओं के हजारों से अधिक मंदिरों को नष्ट कर दिया। आपको बताना चाहेंगे की पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के बाद केवल मुस्लिम शासकों ने दिल्ली पर शासन किया। पृथ्वीराज चौहान का नाम इतिहास के सुनहरे पन्नो पर दर्ज है।

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