क्या हुआ पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी संयोगिता के साथ?

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पृथ्वीराज चौहान का नाम इतिहास में दर्ज है। भारत के कौशल योद्धाओं में तोर पर आज भी इनका नाम गर्व से लिया जाता है। जितने अद्भुत पृथ्वीराज चौहान की कहनी है उतनी ही रोचक उनकी प्रेम कहानी भी थी। पृथ्वीराज चौहान और संयोगिता, दोनों एक समारोह में मिले थे और संयोगिता ने पृथ्वीराज चौहान को देखते हुए उन्हें अपना दिल दे दिया था। संयोगिता तय कर चुकी थीं कि शादी तो पृथ्वीराज चौहान से ही करेंगी।

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संयोगिता के स्वयंवर में विभिन्न राज्यों के राजकुमारों और महाराजाओं को आमंत्रित किया गया लेकिन पृथ्वीराज को आमंत्रण नहीं भेजा गया था। पिता के इस व्यवहार से संयोगिता को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने स्वयंवर में मौजूद एक मूर्ति को पृथ्वीराज मानकर वरमाला डालने का फैसला कर लिया था। पृथ्वीराज को जब यह बात पता चली तो उन्होंने संयोगिता को स्वयंवर से भगाकर ले जाने का निर्णय लिया और कामयाब भी रहे, लेकिन इस कारण जयचंद उनके दुश्मन बन बैठे।

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क्या आप जानते है पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी संयोगिता का क्या हुआ ?पृथ्वीराज की पत्नी संयोगिता ने चौहान की मृत्यु के बाद यह फैसला किया वो लाल किले में जौहर करेगी लेकिन मोहम्मद गोरी का सेनापति कुतुबुद्दीन संयोगिता सहित हजारों हिंदू महिलाओं को अपने शरण में रखना चाहता था इसीलिए पृथ्वीराज चौहान की मौत के बाद किले के बाहर उसमे अपना बसेरा दाल लिया।

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कुतुबुद्दीन के ऐसा करने का भी कोई फायदा न हुआ। महारानी संयोगिता, रानी प्रथा और हजारों हिंदू वीरांगनाओं ने अपने-अपने पतियों के लिए जौहर कर दिया। कुतुबुद्दीन जब किले के अंदर पहुंचा तो उसे ठंडी चिताओं की राख मिली। कुतुबुद्दीन वीर महिलाओं के बलिदान को देख हक्का -बक्का रह गया। यह विराग महिलाओं की कहानी है।