कोरोना संक्रमण के लिए एंटीजन जांच क्या है?

363
news
कोरोना संक्रमण के लिए एंटीजन जांच क्या है?

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने एक ऐसे एंटीजन टेस्ट किट को मंजूरी दे दी है जिससे कोविड जांच के लिए अब घंटों इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ 30 मिनट में ही जांच हो जाएगी और रिपोर्ट भी मिल जाएगी। यही नहीं, इस जांच के लिए न ही लैब और न ही मशीन की जरूरत होगी। एक ऐसा टेस्ट किट लॉन्च किया गया है, जो ऑन द स्पॉट जांच करने में सक्षम है।

देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले में टेस्टिंग को और तेज करने के लिएदिल्ली एम्स और आईसीएमआर ने इन किट्स का परीक्षण करने के बाद जांच की अनुमति दी है। अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित मिलता है तो उसका दोबारा आरटी-पीसीआर जांच कराने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर कोई निगेटिव मिलता है तो उसके सैंपल की लैब में आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी।कोरिया की कंपनी ने यह एंटीजन किट बनाई है।

corona

इस किट का प्रोडक्शन मानेसर में हो रहा है। नाक से सैंपल लेने के बाद 15 से 30 मिनट में यह किट जांच रिपोर्ट देती है। एम्स और आईसीएमआर की टीम ने जब इन किट्स का परीक्षण किया तो इस किट के नतीजे 99.3 से 100 पर्सेंट तक सही मिले। टेस्ट किट को 2 डिग्री से 30 डिग्री के बीच रखना होगा। डॉक्टरों का कहना है कि इसका मतलब यह हुआ है कि किट अगर पॉजिटिव रिपोर्ट देती है तो इस पर भरोसा किया जा सकता है। हालांकि संक्रमण के फैलाव को लेकर निगेटिव रिपोर्ट वाले लोगों की आरटी पीसीआर जांच जरूरी है।

अब आईसीएमआर ने किट के इस्तेमाल को लेकर राज्यों को दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। एसडी बायोसेंसर कंपनी की इस किट का इस्तेमाल सख्त चिकित्सीय निगरानी में कराने के अलावा जांच करने वाला शख्स पीपीई से कवर होना चाहिए। कोविड के लिए अभी तक आरटी पीसीआर जांच को बेहतर माना जा रहा है। हालांकि एक सैंपल में दो से तीन घंटे का समय लगता है और काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली के अस्पतालों में रिपोर्ट मिलने में एक हफ्ते से भी ज्यादा दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है।

corona test

यह भी पढ़ें :कोरोना वायरस के लक्षण नहीं दिखने पर कैसे पता चलेगा कि कौन संक्रमित है?

ऐसे में आईसीएमआर इस रैपिड एंटीजन डिटेक्शन किट को एक अहम जांच विकल्प के रूप में देख रहा है।नाक से सैंपल लेने के बाद वीटीएम में लार को डाला जाता है। इसके बाद किट पर मौजूद एक निश्चित जगह पर सैंपल की तीन बूंद को डाला जाता है। इसके बाद किट को 15 से 30 मिनट के लिए छोड़ दिया जाता है। अगर किट पर एक ही तरह का रंग दिखाई दे तो वह जांच सही नहीं है। लाल पट्टी आने पर सैंपल पॉजिटिव और गुलाबी पट्टी आने पर सैंपल निगेटिव होगा।

Today latest news in hindi के लिए लिए हमे फेसबुक , ट्विटर और इंस्टाग्राम में फॉलो करे | Get all Breaking News in Hindi related to live update of politics News in hindi , sports hindi news , Bollywood Hindi News , technology and education etc.