सवाल 35- मॉब लिंचिंग क्या है, कहाँ से आती है इतनी भीड़?

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मॉब लिंचिंग क्या है, कहाँ से आती है इतनी भीड़?

मॉब लिंचिंग कि खबर आजकल अक्सर सुर्खियों का हिस्सा जरुर रहती है. किसी भी जगह से कोई न कोई भीड़ से संबंधित खबरे हमेशा आती ही रहती है. कभी गौरक्षा के नाम पर, तो कभी छेड़छाड, कभी चोरी, तो कभी धर्म के नाम पर अक्सर किसी ना किसी वजहों से ये मॉब लिंचिंग के मामले सामने आ जाते है. आइए हम आपको बताते है कि मॉब लिंचिंग क्या है, कहाँ से आती है इतनी भीड़?

हाल ही में देश में ऐसे कई मामले सुर्खियों में रहे है जहां भीड़ के चलते कई लोगों की मौत हुई है. जिसके पीछे कुछ झूठी अफवाहों का हाथ भी होता है. इन अफवाहों के चलते ही ये मॉब लिंचिंग की भीड़ कई लोगों को मौत के घाट उतार देती है. या यू कहे कि यह कई लोगों को मौत के घाट उतार चुकी है.

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मॉब लिंचिंग
एक रिसर्च के दौरान यह पाया गया कि यह एक सामाजिक मनोवैज्ञानिक घटना है, जिसके लिए पहले लोगों को किसी विषय पर जबरदस्ती भड़काया और उकसाया जाता है और फिर उसके इस गुस्से का इस्तेमाल किया जाता है. आज इस तरह के मारपीट के सभी मुद्दों पर सबसे ज्यादा मदद अगर किसी चीज से मिलती है, तो वो है सोशल मीडिया.


आज सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है जिसकी मदद से चंद दिनों और घंटों में ही लोगों को एक जगह पर इक्कठा किया जा सकता है. लोगों को धर्म के नाम पर, गौरक्षा के नाम पर, मान-सम्मान के नाम पर और देश भक्ति के नाम पर इस कदर भड़काया जाता है, कि वह इस मॉब लिंचिंग भीड़ का हिस्सा बन जाते है. डॉक्टरों के अलावा कुछ लोगों का भी यही मानना है कि ये समाज विज्ञान और मनोविज्ञान तक पैथोलॉजी के तौर पर अनियमित घटनाओं के रूप में सीमित है.

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मॉब लिंचिंग से होने वाले ऐसे ही कुछ उदाहरण आपको मिल जाएगें जिसमें लोगों की भीड़ किसी न किसी वजह से किसी भी व्यक्ति को मौत के घाट उतार देती है. वहीं मॉब लिंचिंग के चलते अब तक बहुत लोगों की जान जा चुकी है. अभी हाल ही में झारखंड़ में मॉब लिंचिंग के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. यहां लोगों ने गौरक्षा के नाम पर एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया था.


वहीं इसी खूनी खेल में असम के दो लोगों की भी मौत हो गई थी. इस मामले में भीड़ का कहना था कि दोनों ही युवक बच्चा चोर है. जबकि बाद में यह पता चल गया था कि दोनों ही युवक मछ्ली पकड़ने के इरादें से वहां आये थे.


दादरी कांड तो आप सभी को याद ही होगा, जब एकाएक अखलाक के घर हजार लोगों की भीड़ इक्कठा हो जाती है, और अखलाक के खुशहाल परिवार को चंद मिनटों में शक के आधार पर तबाह कर देती है.

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कड़े नियम कानून की है जरूरत
मॉब लिंचिंग के मामले को लेकर यह बेहद जरूरी है कि लोग इससे जागरूक हो, वो किसी भी तरह के भड़काऊ सोशल वायरल मैसेज को आगे फॉरवर्ड ना करें. लोग धर्म के नाम पर अपनी सोच को जागरूक करे. डिजिटल भारत के दौर में जहां एक ओर फायदे बढ़ रहे है. वहीं दूसरी और इस मसले पर अज्ञानता के चलते कई हगांमे होते है. जोकि बाद में मुसीबतों का कारण भी बन जाते है. इस समस्या का एक ही समाधान है कि लोग किसी भी भड़कावे में न आकर खुद को जागरूक रखे.

आशा करते है कि आप सभी को इस प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा. आप लोग ऐसे ही प्रश्न पूछते रहिए हम उन प्रश्नों के उत्तर आपको खोजकर देंगे. आप कमेंट बॉक्स में अपनी राय और कमेंट करके अपने प्रश्नों को पूछ सकते है. इस सवाल को पूछने के लिए आपका धन्यवाद