क्या है राष्ट्रीय डिजीटल साक्षरता मिशन?

1453
news
क्या है राष्ट्रीय डिजीटल साक्षरता मिशन?

डिजिटल इंडिया अभियान के तहत तेजी से डिजिटल इकोनॉमी बनने की तरफ बढ़ रहे देश में अब एक पूर्णकालिक डिजिटल शिक्षा नीति की भी जरूरत महसूस होने लगी है। शिक्षा क्षेत्र पर काम कर रहे विशेषज्ञों और कंपनियों का मानना है कि सरकार के डिजिटल साक्षरता अभियान या राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन इस दिशा में काम तो कर रहे हैं। परंतु स्कूलों के स्तर पर डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक पूर्ण नीति की आवश्यकता है।

डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के आइटी क्षेत्र में नेतृत्व करने और शिक्षा के प्रसार में बड़े पैमाने पर उपलब्धियां हासिल करने के बावजूद डिजिटल साक्षरता 20 फीसद से कम है। ऐसे समय में जब सरकार प्रत्येक नागरिक को डिजिटल रूप से सेवा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है, पारंपरिक साक्षरता और अंक ज्ञान की तरह ही डिजिटल साक्षरता महत्वपूर्ण हो जाती है।

digital edu non fiii 1 -

शिक्षा नीति विशेषज्ञ मीता सेनगुप्ता के मुताबिक देश में डिजिटल साक्षरता को लेकर बहुत सारी योजनाएं हैं, लेकिन कोई एकीकृत नीति नहीं है।हालांकि निजी क्षेत्र की तरफ से इस दिशा में कई पहल की गई हैं। इनमें डेल की परियोजना ‘आरंभ’ भी है। 2016 में शुरु हुई इस पहल में कंप्यूटर कंपनी डेल देश के 75 शहरों में 4500 स्कूलों में 75000 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

digital edu non -

यह भी पढ़े: जानिए क्या है जनसंख्या नियंत्रण कानून?

इसके जरिए हर साल 10 लाख स्कूली बच्चों की डिजिटल साक्षरता पर नजर रखी जा सकेगी।डेल इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पी कृष्णकुमार कहते हैं, ‘सरकारी योजनाओं की वजह से स्कूलों में पहुंचे कंप्यूटर शिक्षकों की कमी की वजह से उपयोग में नहीं आ पाते हैं।’

आपको बता दें कि इस अभियान के तहत वर्ष 2017-18 में 3 करोड़ लोगों को और वर्ष 2018-19 में बाकी बचे 3 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया। डिजिटल साक्षरता के लिए देश की सभी ढाई लाख ग्राम पंचायतों में करीब 200 से 300 लोग प्रशिक्षित किए जाएंगे।

ये सभी लोग कंप्यूटर चलाने और डिजिटल उपकरणों जैसे स्मार्टफोन, और टैबलेट इस्तेमाल करना सीखेंगे। इसके अलावा ईमेल भेजने और प्राप्त करने, इंटरनेट चलाने, सरकारी सेवाओं तक पहुंच बनाने, सूचनाएं खोजने, ऑनलाइन बैंकिंग, CASHLESS लेनदेन करने में सक्षम होंगे।