जानिए फोनोफोबिया कितना खतरनाक है?

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हर व्यक्ति को किसी न किसी चीज़ का भय रहता है। किसी को ऊंचाई से डर होता है तो किसी को पानी से यह दर हमे असहज बना देते है। लेकिन जब यह डर सामान्य न रहे तो इसे ‘फोबिया’ कहा जाता है। इसी तरह का एक फोबिया होता है फोनोफोबिया आप में से कम लोग ही इस अतरंगी फोबिया से परिचित होंगे।

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यह फोबिया आपको छोटे बच्चों में देखने को मिलेगा , इस फोबिया के अंतर्गत में फ़ोन की तेज़ आवाज़ से बच्चे डर जाते है। यदि बड़ों में यह समस्या हो तो ऐसे लोग किसी भी पार्टी, फंक्शन या घर से बाहर तक जाने में हिचकिचाते है। अगर फोन की रिंग बज जाए तो उनके पसीने छूटने लगते है अर्थात किसी चीज की तेज आवाज जैसे फोन की रिंग बजना से जो असहजता और घबराहट महसूस होती है वो फोनोफोबिया के अंतर्गत आती है।

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अगर फोनोफोबिया के लक्षण की बात करे तो सिरदर्द, माइग्रेन और दिमागी बुखार जैसी समस्य आती है। यह भय, क्रोध या चिंता के रूप में प्रकट होता है। जब कुछ अप्रिय आवाज़ को सुना जाता है, बहुत नकारात्मक भावनाओं को ट्रिगर करता है। कुछ शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि यह मिसोफ़ोनिया का एक चरम मामला है, इस फोबिया से चिड़चिड़ापन भी प्रकट होता है कुछ सामान्य शोर सुनते हैं। यह मानसिक तनाव को भी बढ़ता है।