प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक nari kendra yojana की शुरुआत की है| इस योजना का नाम प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र योजना रखा गया है|इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को संरक्षण और शक्ति करण के लिए मिशन रखा गया है|प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने nari kendra को लेकर सरकार ने आंगनवाड़ी केंद्रों के तहत 115 पिछड़े जिलों में प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र खोलने की मंजूरी मंजूरी दी है इन केंद्रों के जरिए महिलाओं को केंद्र सरकार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी मिलेगी।इसके लिए इन केंद्रों में स्वेच्छा से काम करने वाली महिलाओं और विद्यार्थियों को भी जोड़ा जाएगा|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने महिला शक्ति केंद्र से बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना को विस्तार देने का यह प्रस्ताव 161 जिलों से मिल रही फीडबैक के बाद दिया था| जहां योजना मौजूदा समय से चल रही है|इस योजना से सभी जिलों मैं बच्चों की लिंग अनुपात को समान करने के लिए महिलाओं की पढ़ाई में काफी मदद मिल रही है|mahila sashaktikaran yojana हिसाब और भेदभाव से मुक्त वातावरण में समान सहित जीते हुए देश की प्रगति में बराबर योगदान दे सकती हैं| इसी सोच के तहत देश की आधी आबादी यानी महिलाओं को सशक्तीकरण और महिला को सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है |
इन केंद्रों के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों को केंद्र सरकार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी ट्रेनिंग और सामुदायिक भागीदारी के जरिए क्षमता विकास पर जोर दिया जाएगा|दूरदराज के इलाकों में जागरूकता लाने के लिए लगभग 300000 छात्र बनेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ को विस्तार दिया गया है| अब इस योजना को 640 जिलों में लागू किया जाएगा इस योजना से महिलाओं को सरकार की योजनाओं और बढ़ते हुए लिंग अनुपात को कम करने के लिए इस योजना की पहल की है|
हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए 150 से ज्यादा जिलों में ‘वन स्टॉप सेंटर्स’ खोले जाएंगे। जिन्हें महिला हेल्पलाइन के साथ जोड़ा जाएगा। महिला पुलिस वॉलंटियर्स की भागीदारी बढ़ाई जाएगी. इसके अलावा कामकाजी महिलाओं के लिए 190 वर्किंग विमन हॉस्टिल्ज़ बनाए जाएँगे।सभी योजनाओं की समीक्षा और मॉनिटरिंग के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिलास्तर पर कार्यबल गठित किया जाएगा, इन योजनाओं के लिए वित्त वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक वित्तीय खर्च लगभग 3600 करोड़ रुपये (3636.85 करोड़ ) रखा गया है|
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इस योजना के तहत सभी उप-योजनाओं की योजना, समीक्षा और मॉनिटरिंग के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिलास्तर पर एक सामान्य कार्यबल गठित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य कार्यवाही के कनवर्जन्स और लागत प्रभाविकता को सुनिश्चित करना है। प्रत्येक योजना का एसडीजी के अनुरूप दिशा-निर्देशों में स्पष्ट एवं केंद्रित लक्ष्य निर्धारित होगा। नीति आयोग द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार सभी उप-योजनाओं के लिए सूचकों पर आधारित परिणाम की मॉनिटरिंग के लिए तंत्र की स्थापना भी की जाएगी। इन योजनाओं को राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों और कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा। सभी उप-योजनाओं का केंद्रीय स्तर, राज्य, जिला और खंड स्तर पर एक अंतरनिर्हित मॉनिटरिंग ढांचा होगा।