बंदूक की गोली का इतिहास क्या है ?

2024
बंदूक की गोली
बंदूक की गोली

वर्तमान समय में बंदूक आमतौर पर देखने को मिल जाती है. सीमा पर हमारे जवान हमारी रक्षा करते हैं, तो उनके पास भी हथियार होते हैं, जिनमें गोली का प्रयोग किया जाता है. इसके अलावा हमारी आंतरिक सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात की जाती है, जिनके पास हथियार होते हैं, उनमें भी गोली का प्रयोग किया जाता है. गोली की बात करें, तो उसमें सामान्य तौर पर विस्फोटक नहीं होते हैं. अगर हम गोलियों के इतिहास की बात करें, तो जाहिर सी बात है इनका इतिहास उतना ही पुराना है, जितना कि बंदूकों का इतिहास पुराना है.

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बंदूक की गोली

गोलियों के आरंभ की बात करें, तो ये धातु या पत्थर की छोटी गोल गेंद होती थी, जिनका प्रयोग एक हथियार के रूप में गुलेल में किया जाता था. लेकिन समय के साथ-साथ बंदूकों का आविष्कार हुआ तथा उसके बाद इन गोलियों में भी परिवर्तन किया गया. अब इन छोटी गेंदों को एक बंद ट्यूब के अंत में गन पाउडर के एक विस्फोटक चार्ज के सामने रखा जाने लगा. आरंभ में सीसे (lead) की साधारण राउंड (गोल) गेंदे होती थीं, जिन्हें राउंड्स कहा जाता था, इनके केवल व्यास में भिन्नता मिलती थी.

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बंदूक की गोली

इस गोल गेंदो या गोलियों के बाद नुकीली या “शंकु के आकार की” गोलियों की श्रृंखला की शुरूआत हुई इनमें पहली गोली को 1823 में ब्रिटिश सेना के कैप्टन जॉन नोर्टन के द्वारा डिजाइन किया गया था. लेकिन इनकी गोली का मान्यता नहीं मिल पाई. इसके बाद प्रसिद्ध अंग्रेजी बन्दूक बनाने वाले विलियम ग्रीनर ने 1836 में ग्रीनर गोली का आविष्कार किया. यह नोर्टन की गोली से बहुत अधिक मिलती जुलती थी. ऐसे ही लागातार समय से साथ गोली का विकास चलता रहा.

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इसके बाद आधुनिक गोली यानि की राइफल की गोली के इतिहास में अगला महत्वपूर्ण परिवर्तन 1882 में तब आया जब, एडवर्ड रुबिन ने एक ताम्बे के जैकेट वाली गोली का आविष्कार किया-यह एक लम्बी गोली थी जिसका सीसे का कोर एक ताम्बे की जैकेट में रखा गया था. इसके बाद आधुनिक गोलियों की शुरूआत हुई.