भारत में उत्तरप्रदेश राज्य का विशेष महत्व है. उत्तरप्रदेश वर्तमान समय में ही नहीं, यदि हम प्राचीन भारत की बात करें, मध्यकालीन भारत की बात करें या आधुनिक भारत की बात करें, तो उत्तरप्रदेश के बारे में जाने बिना हम भारत के इतिहास को पूरा नहीं मान सकते हैं. उत्तरप्रदेश से हमें पाषाण काल की जानकारी मिलती है तथा महाभारत में भी कई जगह उत्तरप्रदेश के उस समय के कई समृद्ध राज्यों की जानकारी मिलती है.
यदि मुगल काल में उत्तरप्रदेश राज्य के नाम की बात करें, तो हमें उसके लिए थोड़ा मुगल काल का इतिहास जानना आवश्यक है. 1526 ई. में बाबर ने दिल्ली के सुल्तान इब्राहीम लोदी को हराया तथा भारत में मुगल वंश की नींव रखी. लेकिन मुगल काल के समय वर्तमान राज्यों की तरह भारतीय राज्यों का स्वरूप नहीं था. मुगलों के समय नवाबों को छोटे – छोटे क्षेत्रों का प्रशासन संभालने की जिम्मेदारी दे रखी थी. जिसके कारण हम मुगल काल के समय उत्तरप्रदेश राज्य का एक नाम नहीं बता सकते क्योंकि मुगल काल में उत्तरप्रदेश के छोटे-छोटे क्षेत्रों का प्रशासन नवाब देखते थे.
यदि मुगल काल के समय उत्तरप्रदेश के महत्वपूर्ण क्षेत्रों या शहरों की बात करें, तो उसमें फतेहपुर सीकरी महत्वपूर्ण है, जिसका अकबर के काल में निर्माण करवाया गया तथा इसे मुगलों की शाही राजधानी बनाया गया. मुगल के एक और बादशाह शाहजहाँ ने आगरा शहर में अपनी बेगम की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया. मुगल काल में उत्तरप्रदेश के शहरों का विशेष महत्व था. लेकिन पूरे उत्तरप्रदेश का ऐसा कोई संयुक्त नाम की जानकारी नहीं मिलती है जो मुगल काल में उत्तरप्रदेश के लिए आमतौर पर प्रयुक्त होता हो.
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मुगल काल की स्थापना बाबर ने की थी. मुगल साम्राज्य का अंतिम महान् शासक औरंगजेब था, जिसकी मृत्यु 1707 में हो गई थी. जिसके बाद मुगल साम्राज्य का पतन शुरू हो गया था.