भारत आने के के लिए अपना विमान तक नही था ,नेहरु ने भेजा तो दिल्ली आ पाए इस देश के प्रधानमंत्री

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चीन पहुंचे मोदी
तीन देशीय दौरे के बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुँच चुके है चीन अपने दो दिवसीय दौरे पर l चीन पहुंच कर प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात कीl पीएम मोदी का यह दौरा दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव और मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात के मद्देनजर काफी अहम माना जा रहा हैl इस दौरे से दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव और विवाद को सुलझाने के लिए अमराव बनाने की दिशा में काम करने की उम्मीद है l
1954 का वो किस्सा है यादगार
यूँ तो भारत और चीन के बीच कई याद करने लायक किस्से है ,लेकिन दोनों देशों के रिश्ते के संबंध में एक क्किस्सा भूले नही भूलता , चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई 1954 में नेहरू-चाउ एन लाई समिट के लिए जब पहली बार भारत के दौरे पर आए थेl तब चीन के पास अपना एक एयरक्राफ्ट तक नहीं थाl उन्हें दिल्ली लाने के लिए भारत ने एयर इंडिया की एक फ्लाइट चीन भेजी थीl आपको बता दें कि दिल्ली में नेहरू-चाउ एन लाई समिट आयोजित की गई थीl भारत के दौरे में चीनी प्रीमियर चाउ एन लाई और जवाहर लाल नेहरू ने पंचशील समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें शांतिपूर्ण सह अस्तित्व को लेकर 5 सिद्धांत दिए गए थेl

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जब भारत -चीन के बीच छिड़ा था युद्ध 
जब दलाई लामा के भारत में शरण लेने के बाद 1960 में हुई समिट में सीमा विवाद पर कोई नतीजा नहीं निकलाl तब तक दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आ चुकी थीl इस पर चाऊ ने राष्ट्रपति भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने का फैसला किया लेकिन उस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लियाl इस बार चाउ और उनके सहयोगी इल्युशिन एयरक्राफ्ट से चीन निकल गएl मामले से कुछ दिन पहले ही चीन ने एक एयरक्राफ्ट खरीदा थाl इस घटना के दो साल बाद भारत और चीन के बीच युद्ध छिड़ गया था l
चाऊ के दौरे की समीक्षा करने के बाद चीन की सरकार ने यह नतीजा निकाला था कि ‘भारत समझौते के लिए इच्छुक नहीं है और भारत चीन का विरोध करने के लिए सीमा पर उकसाने वाली गतिविधियां करना चाहता हैl
तब प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने चीन के साथ भारत के रिश्तों की नीव रखने के मकसद से वहां की यात्रा की थी , लेकिन वह कोशिश कामयाब नही हो पायी थी l