उत्तरप्रदेश का विभाजन कब हुआ ?

2232
उत्तरप्रदेश
उत्तरप्रदेश

उत्तरप्रदेश का विभाजन कब हुआ ? ( When did the partition of Uttar Pradesh take place? )

उत्तरप्रदेश भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है. जनसंख्या की दृष्टि से भी सबसे बड़े राज्यों में शामिल है. उत्तरप्रदेश भारतीय राजनीति के हिसाब से भी बहुत महत्वपूर्ण है. आमतौर पर ऐसा कहा जाता है कि दिल्ली की कुर्सी का रस्ता उत्तरप्रदेश से होकर ही जाता है. ऐसा नहीं है कि उत्तरप्रदेश का महत्व वर्तमान समय में ही है. प्राचीन भारत की बात करें या मध्यकालीन भारत की उत्तरप्रदेश हमेशा भारतीय इतिहास के केंद्र में रहा है. इतना महत्वपूर्ण राज्य होने के बाद भी क्या आप जानते हैं कि उत्तरप्रदेश का विभाजन कब हुआ था ? इस पोस्ट में आपको आपके इस सवाल के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी.

img uttar pradesh1h -
उत्तरप्रदेश

उत्तरप्रदेश का विभाजन कब हुआ –

24 जनवरी, 1950 को इस राज्य का नाम संयुक्त प्रांत से बदलकर उत्तरप्रदेश किया गया. अगर उत्तरप्रदेश राज्य के विभाजन की बात करें, तो 9 नवंबर , सन् 2000 में इस राज्य के 13 जिलों को काटकर एक नया राज्य उत्तरांचल का निर्माण किया गया. फिर इस नए बने राज्य का नाम उत्तराखंड कर दिया गया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पहले उत्तरप्रदेश में लोकसभा की 85 सीटें होती थी. लेकिन इस राज्य में से उत्तराखंड राज्य बनने के बाद लोकसभा की 5 सीटें उत्तराखंड राज्य के हिस्से में आ गई. इसके बाद उत्तरप्रदेश में अभी 80 लोकसभा की सीटें हैं.

unnamed -
उत्तरप्रदेश

उत्तरप्रदेश का इतिहास-

उत्तरप्रदेश के इतिहास की बात करें, तो इसका इतिहास बहुत ही रोचक रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यह क्षेत्र प्राचीन काल से ही नदियों के कारण उत्पादक क्षेत्र होने के कारण केंद्र में रहा है. इस क्षेत्र की समृद्धि के कारण ही शासको ने इन क्षेत्रों पर अपना नियंत्रण रखने के प्रयास लगातार जारी रखे. नवाबों के काल में अवध के नवाब सआदत अली खां ने अयोध्या को अपना निवास बनाया और फैजाबाद नाम के एक नए शहर का गठन कर उसे अवध की राजधानी घोषित कर दिया. इसके बाद अंग्रेज आए और उन्होंने सत्ता पर कब्जा किया तो राज्यों का पुनर्गठन करते हुए संयुक्त प्रांत को आगरा-अवध करते हुए इलाहाबाद को फिर राजधानी कर दिया.

यह भी पढ़ें: योगी आदित्यनाथ से गोरखपुर में मिलने के लिए अपॉइंटमेंट कहां से लें ?

1834 में आगरा राजधानी कर दिया गया और प्रांत का नाम उत्तर-पश्चिम प्रांत कर दिया. 1858 में तत्कालीन वायसराय लार्ड कैनिंग ने वापस से इलाहाबाद को फिर राजधानी बना दिया. सन् 1877 में इस प्रांत का नाम संयुक्त प्रांत आगरा एवं अवध कर दिया. अंग्रजो द्वारा इसका नाम संयुक्त प्रांत कर दिया. वर्ष 1921 तक इलाहाबाद ही राजधानी रही लेकिन 1921 में लखनऊ को राजधानी बना दिया गया.

Today latest news in hindi के लिए लिए हमे फेसबुक , ट्विटर और इंस्टाग्राम में फॉलो करे | Get all Breaking News in Hindi related to live update of politics News in hindi , sports hindi news , Bollywood Hindi News , technology and education etc.