जानिए, रावण ने अपनी मृत्यु के समय ऐसा क्या कहा भगवान राम और लक्ष्मण को ।

1995

दस सर वाले लंकापति रावण, रामायण में एक केंद्रीय प्रतिचरित्र रहे है। राजाधिराज लंकाधिपति महाराज रावण को दशानन भी कहते हैं। शंकर भगवान का परम भक्त रावण महा तेजस्वी, प्रतापी, पराक्रमी, रूपवान तथा विद्वान था  । राक्षस के रूप में देखे जाने वाला रावण जहाँ दुष्ट था और पापी था, वहीं उसमें शिष्टाचार और ऊँचे आदर्श वाली मर्यादायें भी थीं। राम के वियोग में दुःखी सीता को कभी वासना भरी नजर नहीं देखा।

रावण’… दुनिया में इस नाम का दूसरा कोई व्यक्ति नहीं है। राम तो बहुत मिल जाएंगे, लेकिन रावण नहीं। रावण तो सिर्फ रावण है। रावण एक कुशल राजनीतिज्ञ, सेनापति होने के साथ-साथ तत्व ज्ञानी तथा बहु-विद्याओं का जानकार था। उसे मायावी इसलिए कहा जाता था कि वह इंद्रजाल, तंत्र, सम्मोहन और तरह-तरह के जादू जानता था। ऐसे कुशल राजनीतिज्ञ और ज्ञानी राजा ने अपनी मृत्यु के समय राम और लक्ष्मण को जिंदगी की ऐसी तीन गलतियों को बताया जिन्हे कर रावण को मृत्यु प्राप्त हुई, आइए जानते है ऐसी कौन सी वो तीन बातें है जो लंकापति रावण ने अपनी मृत्यु के समय भगवान राम और लक्ष्मण को कहीं थी।