भारत में डेंगू का सबसे पहला मामला कहां से मिला था ?

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भारत में डेंगू का सबसे पहला मामला कहां से मिला था Where was the first case of dengue found in India
भारत में डेंगू का सबसे पहला मामला कहां से मिला था Where was the first case of dengue found in India

भारत में डेंगू का सबसे पहला मामला कहां से मिला था ? ( Where was the first case of dengue found in India ? )

डेंगू बुखार के बारे में बरसात के मौसम में आमतौर पर सुनने को मिल जाता है. यह महामारी का रूप भी ले लेता है. इसके कारण काफी बार लोगों की जान भी चली जाती है. इसी कारण डेंगू के बारे में लोगों के मन में तरह तरह क सवाल रहते हैं. इसी तरह लोगों के मन में सवाल होता है कि भारत में डेंगू का सबसे पहला मामला कहां मिला था. अगर आपके मन में भी यहीं सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी का जवाब जानते हैं.

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डेंगू

डेंगू का भारत में सबसे पहला मामला कहां-

भारत में डेगूं बुखार की बात करें, तो इसका पहला मामला 1956 में तमिलनाडु राज्य के वेल्लोर जिले में मिला था. अगर इसके बाद की बात करें, तो 1963 में पश्चिम बंगाल में इसने महामारी का रूप लिया. शुरूआत में ऐसा माना जाता था कि यह बीमारी शहरों में ही फैलती है. लेकिन धीरे-धीरे यह बीमारी पूरे देश में फैल गई. दिल्ली में 1996 में डेंगू का बड़ा हमला सामने आया जब वहां पर 423 मौते हो गई.                    

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डेंगू मच्छर

डेंगू बुखार के प्रकार-

डेंगू बुखार मच्छर के काटने से होता है. इस मच्छर को एडीज मच्छर कहा जाता है. भारत में यह बीमारी बरसात के मौसम में या ठीक उसके बाद के समय में ज्यादा फैलती है. आमतौर पर जब कोई मच्छर काटता है, तो उसके 3 से 5 दिन बाद हमें डेंगू के लक्षण दिखाई देते हैं. यह संक्रमण काल 3 से 10 दिन का भी हो सकता है. डेंगू बुखार के लक्षणों की बात करें, तो यह तीन प्रकार के होते हैं. पहला – साधारण डेंगू बुखार , दूसरा डेंगू हेमरेजिक बुखार ( DHF ) तथा तीसरा – शाक सिंड्रोंम ( DSS ) . अगर साधारण डेंगू बुखार की बात करें, तो यह बीमारी अपने आप भी ठीक हो जाती है. इससे इंसान की मृत्यु नहीं होती है. लेकिन अगर बात करें, डेंगू हेमरेजिक बुखार ( DHF ) तथा शाक सिंड्रोंम ( DSS ) की तो इनके समय रहते इलाज ना कराने पर यह हमारे लिए जानलेवा साबित हो सकता है. लेकिन अगर समय पर इनका इलाज किया जाए तो इनका इलाज संभव है.

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यह बीमारी मच्छर के काटने से होती है. जिसके बचाव के लिए हम अपने आस पास सफाई का ध्यान रख सकते हैं. इसके अलावा आस पास गंदा पानी इक्कठा होने से रोक सकते हैं.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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