कौन सा ऐसा देश है , जिसने कोरोना वायरस कि समस्या को अच्छी तरह से संभाला
कोरोना वायरस से दुनियाभर के लोग परेशान है , इस कहर से बचने के लिए लोग अपने घरों में बंद है। जहा कोरोना वायरस के कारण अमेरिका जैसा शक्तिशाली देश बेबस नज़र आरहा है। लेकिन कोरोना वायरस को शिक्त देने के लिए अगर कोई देश सबसे बेहतरीन काम कर रहा है तो वो है दक्षिण कोरिया।
कौनसा देश
दक्षिण कोरिया में हर रोज़ क़रीब 20 हज़ार लोगों की जांच की जा रही है। टेस्ट किए जाने का ये आँकड़ा दुनिया के किसी भी दूसरे देश से कहीं अधिक है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इस तरह के कई लैब तैयार किए गए हैं जो फ्रंट-लाइन पर इस महामारी को मात देने का काम कर रही हैं। दक्षिण कोरिया ने कोरोना वायरस टेस्ट के लिए 96 पब्लिक और प्राइवेट लैब का निर्माण किया है।
स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि इस तरह से लोगों की ज़िंदगियां बचायी जा सकती हैं। दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस से मौत की दर 0.7 फ़ीसदी है। अगर वैश्विक स्तर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर जारी की गई दर की बात करें तो यह 3.4 फ़ीसदी है. लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि स्थिति इससे कहीं अधिक ख़राब है क्योंकि हर केस दर्ज हो ही रहा हो, यह ज़रूरी नहीं।
दक्षिण कोरिया ने ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जांच की जारी है ताकि यह साफ हो जाए कि कौन संक्रमित है और कौन नहीं। इसके लिए 50 ड्राइव थ्रू टेस्ट स्टेशन बनाए गए। जहां पूरी प्रक्रिया में दस मिनट लगते हैं और चंद घंटों में रिज़ल्ट दे दिया जाता है।
आप अपनी कार लेकर जाएं, सैंपल दें और रिज़ल्ट पाएं। जिन लोगों का पोज़िटिव पाया गया उनके सेल फोन रिकार्ड और क्रेडिट कार्ड के रसीद से पता किया गया कि कहां कहां गया था और यह जानकारी आनलाइन कर दी गई ताकि दूसरे भी देख सकें कि उस वक्त उस व्यक्ति के पास तो नहीं थे। जैसे अगर कोई सिनेमा देखने गया तो सीट नंबर के साथ जानकारी पब्लिक कर दी गई ताकि अगल-बगल बैठे लोगों को पता चल जाए और वे अपना सैंपल दे सके।
यही नहीं इसकी भी नगरपालिका की वेबसाइट पर जानकारी दी जाती है कि जिसका सैंपल पोज़िटिल निकला है वो कहां रहता है। कहां काम करता है ताकि उक्त मरीज़ के संपर्क में आया हर कोई सतर्क हो जाए. दक्षिण कोरिया के लोग आम तौर पर मास्क लगा कर निकलते हैं। कई हाउसिंग सोसायटी में लिखा है कि बगैर मास्क वाले के प्रवेश पर रोक है।
लगभग पाँच करोड़ की आबादी वाला ये देश इस वायरस से लड़ने के लिए हर छोटी से छोटी कोशिश को भी तवज्जो दे रहा है। ज़्यादातर लोग मास्क में दिखते हैं। हर प्रमुख इमारत के बाहर थर्मल ट्रेसिंग की व्यवस्था की गई है। हर लिफ़्ट में हैंड-सेनेटाइज़र की व्यवस्था की गई है। जगह-जगह लोगों को खड़ा किया है जो आते-जाते लोगों को याद दिलाते रहते हैं कि हाथ धोना है, दक्षिण कोरिया में टेस्टिंग किट्स की कोई कमी नहीं है।
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चार कंपनियों को टेस्टिंग किट बनाने के लिए अप्रूवल दिया गया है। इसका मतलब ये हुआ कि दक्षिण कोरिया के पास पूरी क्षमता है कि वो हर सप्ताह क़रीब एक लाख चालीस हज़ार टेस्ट कर सके। इस वक़्त दक्षिण कोरिया कोरोना के सन्दर्भ में बहुत से देशों के लिए एक रोल मॉडल है। अगर कोरोना को मात देना है तो बड़े स्तर पर टेस्टिंग होना जरुरी है।