भारत के सबसे पुराने रेलवे स्टेशन के तोर पर कौन-से स्टेशन प्रख्यात है?

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विश्व में भारत का रेलवे नेटवर्क 4 नंबर पर आता है। भारतीय रेलवे की कनेक्टिविटी छोटे कस्बे गांव से लेकर बड़े शहरों तक है। भारतीय रेलवे का इतिहास भी उतना ही अनूठा है। भारत में कई ऐसे रेलवे स्टेशन हैं जो अपनी बनावट और वास्तुशिल्प के लिए विश्वभर में मशहूर है लेकिन क्या आप जानते है की भारत का सबसे प्राचीन रेलवे स्टेशन कौन-सा है? 16 अप्रैल 1853 को भारत की पहली यात्री ट्रेन का संचालन ग्रेट इंडियन पेनेस्यूला रेलवे के अंतर्गत हुआ।

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तब तीन स्टीम इंजन साहिब, सिंध और सुल्तान ने तब के बोरी बंदर, मुंबई से थाने के बीच 39 किलोमीटर तक का सफर तय किया। तब बोगियों वाली इस ट्रेन में 400 लोगों ने सफर किया था। 1888 में बोरीबंदरका नाम बदलकर इसका नाम विक्टोरिया टर्मिनस रखा गया। 1947 में भारत आजाद हुआ और इस स्टेशन का नाम फिर से बदलकर राजा छात्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) रखा गया।

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इस तरह इसे भारत का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन कह सकते है लेकिन रॉयलपुरम रेलवे स्टेशन को भी भारत का सबसे पुराना चालू रेलवे स्टेशन कहा जाता है। यह स्टेशन चेन्नई के पास स्थित इस स्टेशन पर पहली बार रेलगाड़ी 28 जून 1856 में आई थी। यह स्टेशन दक्षिण रेलवे के हिस्से में है। इस स्टेशन से अब भी 20 से ज्यादा ट्रेन रोज गुजरती है। वही हावड़ा को भी सबसे पुराण रेलवे स्टेशन मन जाता है। क्योंकि इंस्टर्न इंडिया की पहली यात्री ट्रैन को 15 अगस्त 1845 को कोलकाता के हावड़ा स्टेशन से हुबली के बीच 39 किलोमीटर की यात्रा के लिए चलाया गया था।