सवाल 62-भारत में कौन सी ऐसी जगह है, जहां रावण की पूजा की जाती है

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सवाल 62- भारत में कौन सी ऐसी जगह है, जहां रावण की पूजा की जाती है?

विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए मनाया जाता है. इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था. जिस वजह से पूरे भारत में दशहरा मनाया जाता है और इस दिन लोग रावण के पुतले को भी जलाते है. ऐसा माना जाता है कि रावण बहुत बड़ा विद्वान था. वह भगवान शिव का परम भक्त था. रावण के गलत कामों के वजह से उसे राक्षस कहा जाने लगा था, लेकिन भारत में कुछ ऐसी जगह है जहां पर रावण की पूजा की जाती है. रावण को भगवान के रूप में पूजा जाता है.

बैजनाथ कस्बा, हिमाचल प्रदेश
ऐसा माना जाता है कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के बैजनाथ कस्बा में रावण का मंदिर है. मंदिर में शिवलिंग व उसी के पास एक बड़े पैर का निशान भी है. यहां पर रावण ने भगवान शिव की वर्षो तक कठोर तपस्या की थी, कहा जाता है कि रावण ने शिव को प्रसन्न करने के लिए यहां पर एक पैर पर खड़े होकर जाप किया था. यहीं रावण ने शिव की तपस्या कर वरदान प्राप्त किया था. इसलिए यहां पर दशहरे के दिन रावण का पुतला नहीं फूका जाता है.

कानपुर, उत्तर प्रदेश
कानपुर के शिवाला में रावण का एक मंदिर है. जिसे सर्फ साल में एक ही बार दशहरे वाले दिन ही खोला जाता है. जोकि शिवाला में दशानन मंदिर के नाम से काफी प्रसिध्द है. यह शहर के बीचों बीच शिवाला में स्थित कैलाश मंदिर में दशानन का सैकड़ो वर्ष पुराना मंदिर है. लोगों कि मान्यता है कि 1890 में बने इस मंदिर में तेल के दिए जलाने से उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. इसलिए भारत में जहां दशहरे के दिन राम की पूजा की जाती है वहीं शिवाला में रावण की पूजा की जाती है.

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मंडोर, जोधपुर, राजस्थान
इस जगह को रावण का ससुराल कहा जाता है. कहा गया है कि यहां पर रावण की पत्नी मंदोदरी को बेटी मानते है. इसके अलावा यहां पर मौजूद श्रीमाली ब्राहमण समाज के लोग रावण के साथ-साथ उसकी कुलदेवी खरानना की भी पूजा करते है. और खुद को रावण का वंशज मानते है. दशहरे के दिन रावण की मृत्यु और मंदोदरी विधवा होने के कारण यहां के लोग इस दिन शोक मनाते है.


विदिशा, मध्य प्रदेश
मध्यप्रदेश के विदिशा शहर में रावण की पूजा काफी प्रसिद्ध है. रावण एक कान्यकुब्ज ब्राम्हण था इस शब्द का प्रयोग उन ब्राम्हणों के लिए किया जाता है जो कन्नौज नामक स्थान से संबधित है, कन्नौज का प्राचीन नाम कान्यकुब्ज था. मध्यप्रदेश के विदिशा में लोग दशहरे के दिन यहां पर मौजूद रावण की मूर्ति की पूजा करते है. इस मूर्ति कि लम्बाई लगभग 10 फीट की है, इसके साथ ही शादियों के शुभ अवसर पर भी इस मूर्ति का आर्शीवाद लेते है.


मंदसौर, मध्य प्रदेश
विदिशा की ही तरह मंदसौर में भी रावण की पूजा की जाती है. यहां पर बने मंदिर को मध्य प्रदेश का पहला मंदिर माना जाता है. यहां रावण रुण्डी के नाम से रावण की विशाल प्रतिम मौजूद है, जिसकी पूजा की जाती है. कहा जाता है कि रावण मंदसौर का दामाद है. मंदोदरी के नाम पर ही इस जगह का नाम मंदसौर पड़ा.

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कोलार, कर्नाटक
यहां पर लंकेश्वर महोत्सव के दौरन रावण की पूजा की जाती है साथ ही साथ इस दिन जुलूस भी निकाला जाता है. इस जुलूस में भगवान शिव की प्रतिमा को भी घूमाया जाता है. ऐसा कहा गया है कि रावण भगवान शिव का परम भक्त है. जिसके चलते वहां रावण की पूजा की जाती है. कोलार के लिए मंडया जिले में मालवल्ली तहसील में रावण का एक मंदिर भी स्थित है.

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