वैदिक काल में भारत में कौन से खेल होते थे ?

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वैदिक काल
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वैदिक काल में भारत में कौन से खेल होते थे ? ( Which sports were played in India during the Vedic period? )

खेलों का अपना विशेष महत्व है. खेल प्राचीन भारत के इतिहास में भी अपना विशेष महत्व रखते हैं तथा वर्तमान समय में भी खेलों के क्षेत्र में खिलाड़ी अपना भविष्य देखते हैं. खेलों की शुरूआत की बात करें, तो खेलों की शूरूआत मनोरंजन के उद्देश्य से हुई थी. आमतौर पर हम अपनी दैनिक दिनचर्या के बाद थक जाते हैं. जिसके बाद यदि हम मनोरंजन के लिए कोई खेल खेलते हैं, तो उससे हमें बहुत राहत मिलती है. प्राचीन काल में भी खेलों का मुख्य उद्देश्य मनोरंजन और प्रतिस्पर्धा ही रहा होगा.

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प्राचीन भारत खेल

यदि वैदिक काल की बात करें, तो भारत में वैदिक काल उस समय को माना जाता है, जब वेदों की रचना हुई थी. वेद 4 होते हैं-  ऋग्वेद, यजुर्वेद , सामवेद , अथर्वेद . इन 4 वेदों में से ऋग्वेद को सबसे प्राचीन वेद माना जाता है. जिसका कालक्रम लगभग 1500 ई.पूं. से लेकर 1000 ई. पूं. तक निर्धारित किया गया है. इसके बाद बाकि बचे हुए तीनों वेदों का कालक्रम लगभग 1000 ई.पू. से 600 ई.पू. तक निर्धारित किया गया है. इस तरह भारत के इतिहास में 1500 ई.पू. से लेकर 600 ई.पू. के कालक्रम को हम वैदिक काल की संज्ञा देते हैं या वैदिक काल के नाम से जानते हैं.

Chess Khelne Ke Niyam -
शतरंज

वैदिक काल में भारत में कौन से खेल-

वैदिक काल की बात करें, तो उस समय भी भारत में अनेंक खेल खेले जाते थे. वैदिक काल से ही सभी को शारीरिक क्षमता वृद्धि के लिये प्रोत्साहित किया जाता था. उस समय में ब्राह्मणों को अध्यात्मिक तथा मानसिक विकास के लिये प्रोत्साहित किया जाता था, वहीं क्षत्रियों को शरीरिक विकास के लिये रथों की दौड, धनुर्विद्या, तलवारबाज़ी, घुड सवारी,मल-युद्ध, तैराकी, तथा आखेट का प्रशिक्षण दिया जाता था. इसके अलावा श्रमिक वर्ग भी बैलगाडियों की दौड में भाग लेते थे. इसके अलावा शतरंज और सांप सीढ़ी का खेल भारत में प्राचीन काल से ही खेला जाता है. महाभारत में भी हमें पासों का खेल देखने को मिलता है. अर्जुन ने नीचे तेल की कढ़ाई में देखते हुए उपर मछली की आंख में तीर मारा था. इस वाक्या को आपने सुना होगा. वह भी उस समय की तीरअंदाजी का एक बहुत अच्छा उदाहरण है.

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इनके अलावा भी वैदिक काल में अनेंक खेल खेल जाते थे. वैदिक काल में खेलों का महत्व इसलिए भी अधिक था क्योंकि उस समय युद्ध बड़े स्तर पर होते थे. जिसके लिए शारीरिक तौर पर फिट होना बहुत जरूरी होता है तथा इसके साथ ही युद्ध अभ्यास भी एक महत्वपूर्ण कारक होता है. इसी कारण शारीरिक और मानसिकतौर पर विकास के साथ साथ मनोरंजन के उद्देश्य से प्राचीन भारत के इतिहास में वैदिक काल में खेल खेले जाते थे.

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