भारत भव्य मंदिरो का गाड़ माना जाता है। ऐसे कई मंदिर है जो अपने भीतर कई राज समेटे हुए है। आपको बताना चाहेंगे की रामप्पा मंदिर मंदिर भगवन शिव को समर्पित है। भगवान शिव की मूर्ति विराजमान हैं, इसलिए इसे ‘रामलिंगेश्वर मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है। इस इस मंदिर के बनने की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है। कहते हैं कि 1213 ईस्वी में आंध्र प्रदेश के काकतिया वंश के महाराजा गणपति देव के मन में अचानक एक शिव मंदिर बनाने का विचार आया। इसके बाद उन्होंने अपने शिल्पकार रामप्पा को आदेश दिया कि वो एक ऐसा मंदिर बनाए, जो सालों तक टिका रहे।
आप जानकर चौंक जाएंगे की यह भव्य मंदिर 800 साल बीत जाने के बाद भी यह मंदिर आज भी उतनी ही मजबूती से खड़ा है, जैसा पहले था। कई शोध के बाद यह पता चला की यह अनोखा मंदिर के पत्थर इतने मजबूत है की इस मंदिर का पत्थर पानी मे तैर भी पा रहा था , वह डूबता नही था। यह मंदिर बहुत सुंदरहै , इसकी मजबूती के किस्से आज भी लोगो के जबान पर है , इतना प्राचीन मंदिर भारत की संस्कृति को दर्शाता है। साथ ही हमारे इतिहास को की भव्यता पका प्रदर्शन करता है। इस मंदिर से यह कथा भी जोड़ी है की इस महान मंदिर ने समुद्र मंथन की घटना को पत्थर पर उकेरा गया है ।
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जिन पत्थर से मंदिर का निर्माण हुआ है वो बहुत मजबूत है। पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञों ने मंदिर की मजबूती का राज जानने की कोशिश की उन्हें पता चला की जिन पत्थर के एक टुकड़े को काटा, गया वो असल में वो पत्थर बहुत हल्का था और जब उसे पानी में डाला गया तो वो पानी में डूबने के बजाए तैरने लगा। तब जाकर मंदिर की मजबूती का रहस्य से पर्दा हटा और अनुभव हुआ की लगभग सारे प्राचीन मंदिर तो अपने भारी-भरकम पत्थरों के वजन की वजह से टूट गए, लेकिन इसका निर्माण तो बेहद हल्के पत्थरों से किया गया है, इसलिए यह मंदिर टूटता नहीं है।