भारत अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है। भारत के मंदिरो के इतिहास के बारे में देश ही नहीं विदेश के लोग भी प्रचलित होना चाहते है। भारत के मंदिर का इतिहास काफी विख्यात है। हमारे देश में कुछ ऐसे भी मंदिर है जो रहस्य और चम्तकारी शक्तियों से पूर्ण है। तो चलिए आज हम ऐसे मंदिरों के बारे में बताना चाहेंगे जो अपनी भीतर कई रहस्य समेटे हुए है।
श्री स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के बारे में यह कथा काफी प्रचिलित है की महिसागर संगम तीर्थ की पावन भूमि पर भगवान शंकर के पुत्र कार्तिकेय ने एक शिवलिंग की स्थापना की थी, जिसे आज विश्वभर में श्री स्तंभेश्वर महादेव मंदिर के रूप में जाना जाता है। आप जानकर हैरान हो जाएंगे की स्तंभेश्वर महादेव मंदिर समुद्र में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण अपने तपोबल से भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने किया था। इस मंदिर का ओझल हो जाना कोई चमत्कार नहीं बल्कि एक प्राकृतिक घटना का परिणाम है। यह भव्य मंदिर समुन्दर में स्तिथि है , और दिन में कम से कम दो बार समुद्र का जल स्तर इतना बढ़ जाता है कि मंदिर पूरी तरह समुद्र में डूब जाता है। ऐसा लगता है की समुन्दर में मंदिर को अपने भीतर समां लिया लकण फिर कुछ ही पलो में समुद्र का जल स्तर घट जाता है और मंदिर फिर से नजर आने लगता है। यह घटना हर रोज सुबह और शाम के समय घटती है। श्रद्धालु इस घटना को समद्र द्वारा शिव का अभिषेक के तोर पर मानते है।
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कामाख्या मंदिर देवी कामाख्या को समर्पित है। ऐसी मान्यता है की सती का योनिभाग कामाख्या में गिरा। उसी स्थल पर कामाख्या मंदिर का निर्माण हुआ। इस विख्यात मंदिर में अम्बुबाची मेले का आयोजन होता है। इसमें देश भर के तांत्रिक और अघोरी आते है। सालभर में एक बार अम्बुबाची मेले के दौरान मां कामाख्या रजस्वला होती हैं और इन तीन दिन में योनिकुंड से जल प्रवाह कि जगह रक्त प्रवाह होता है। इसलिए अम्बुबाची मेले को कामरूपों का कुंभ कहा जाता है।और इससे देवी माँ का चमत्कार मन जाता है। जिस वजह से यहां पर माता हर साल तीन दिनों के लिए रजस्वला होती हैं. इस दौरान मंदिर को बंद कर दिया जाता है. तीन दिनों के बाद मंदिर को बहुत ही उत्साह के साथ खोला जाता है. दरवाजे खोले जाते हैं, तब वह वस्त्र माता के रज से लाल रंग से भीगा होता है. बाद में इसी वस्त्र को भक्तों में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है.
आपको बताना चाहेंगे राजस्थान में मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर श्री हनुमान का बहुत जाग्रत मंदिर में से एक मन जाता है। लोगों की ऐसी आस्था है की इस मंदिर में विराजित श्री बालाजी अपनी दैवीय शक्ति से बुरी आत्माओं का नाश करते है। । मंदिर में हजारों भूत-पिशाच से त्रस्त लोग रोज दर्शन और प्रार्थना के लिए यहां बड़ी तदाद में भगवन हनुमान की अस्सम कृपा पाने आते है।
यहां कई लोगों को जंजीर से बंधा और उलटे लटके देखा जा सकता है। यह मंदिर और इससे जुड़े चमत्कार देखकर कोई भी हैरान हो सकता है। शाम के समय जब बालाजी की आरती होती है तो भूत-प्रेत से पीड़ित लोगों को जुझते देखा जाता है और आरती के बाद लोग मंदिर के गर्भ गृह में जाते हैं। वहां के पुरोहित कुछ उपाय करते हैं और कहा जाता है इसके बाद पीड़ित व्यक्ति ठीक हो जाता है और बुरी आत्मा का नाश हो जाता है।