जानियें, बीजेपी का कौन सा नेता पहुंचा कोर्ट?

300
जानियें, बीजेपी का कौन सा नेता पहुंचा कोर्ट?
जानियें, बीजेपी का कौन सा नेता पहुंचा कोर्ट?

बीजेपी के एक नेता अपनी हार को पचा नहीं पा रहे है, जिसके लिए वो कोर्ट की शरण में जा पहुंचे है। जी हाँ, चौंकियें मत, बीजेपी का एक दिग्गज नेता अदालत जा पहुंचे हैं। अरे, अरे ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है, अभी हाल ही में हुए चुनाव में बीजेपी के एक उम्मीद्वार को हार सामना करना पड़ा, जिसके खिलाफ वो अदालत से मदद की गुहार लगाने चले गये। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं गुजरात में हुए राज्यसभा चुनाव की। आपको याद दिला दें कि गुजरात के राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के नेता बलवंत सिह को हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद से ही बीजेपी पार्टी अदालत का दरवाजा खटकाने की बात कर रहे थे।

खबर के मुताबिक, गुजरात के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज अहमद पटेल से हारने के बाद बीजेपी के उम्‍मीदवार बलवंत सिंह राजपूत ने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ कोर्ट पहुंच गए हैं। जी हाँ, बलवंत सिंह ने गुजरात हाईकोर्ट में आयोग के फैसले को चुनौती दी है। आपको यह भी बता दें कि बलवंत सिंह लगातार अपने वकीलों से चर्चा कर रहे थे, ताकि जल्दी से जल्दी कोर्ट में अपील दायर की जा सके। दरअसल, बलवंत सिंह की नाराजगी इस बात को लेकर है कि दो विधायकों के वोट निरस्त हो गए थे, जिससे कांग्रेस के उम्मीदवार अहमद पटेल की राह थोड़ी आसान हो गई थी। जिस दिन गुजरात के नतीजे आए थे उसी दिन से बीजेपी अपने इस हार को पचा नहीं पा रही है। भले ही गुजरात में राज्यसभा चुनाव के नतीजे खींचतान के बाद घोषित हो गए, लेकिन ये लड़ाई अभी रुकने वाली नहीं है, क्‍योंकि मामला अब कोर्ट में चला गया है। बीजेपी के उम्मीद्वार बलवंत सिंह का कहना है कि मामलें में न्याय के लिये वो किसी भी दरवाजें पर जा सकते है।

आपको याद दिला दें कि गुजरात के राज्यसभा चुनाव के नतीजों के बाद गुजरात के सीएम विजय रुपानी ने विधायकों का वोट रद्द करने पर चुनाव आयोग के फैसले से असहमति जताने के साथ ही कानूनी लड़ाई की भी बात कही थी। हालांकि यह पहली बार नहीं हुआ है कि कोई पार्टी अपनी हार को पचा नहीं पा रही है, बीते चुनावों पर गौर किया जाए तो हार के बाद पार्टियां ईवीएम पर अपना गुस्सा फोड़ती नजर आई थी।

बहरहाल, मामलें में बलवंत सिंह के मुताबिक उन्हें न्याय मिल पाता है, या नहीं, यह तो खैर वक्त ही बताएगा। लेकिन एक बात तो साफ है कि बीजेपी जिस चुनाव आयोग की तरफदारी करते हुए नहीं थक रही थी, आज उसी चुनाव आयोग में बीजेपी को लाख खामियां दिख रही है।