कंडोम के बारे में कहा जाता है कि सबसे पहले मिस्र के लोगों ने कंडोम का इस्तेमाल किया. अन्य प्राचीन सभ्यताओं में भी इस तरह के उपाय का ज़िक्र मिलता है लेकिन इसका पहला लिखित प्रमाण है सोलहवीं शताब्दी का जब एक इतालवी शरीर विज्ञानी गेब्रियल फ़ैलोपियस ने यौन रोगों से बचाव के लिए कंडोम तैयार किया.
आधुनिक कंडोम का आविष्कार 1870 में हुआ और लेटैक्स के कंडोम बनने शुरु हुए 1930 के बाद। शारीरिक सम्बन्ध का सुरक्षित होना बहुत जरुरी है। इसलिए सभी लोग कंडोम का इस्तेमाल करते है। कंडोम के बारे में हम सब जानते हैं लेकिन कभी सोचा है कि इसकी शुरुआत कब हुई। आज जो हम कंडोम देखते हैं वो पहले मिलने वाले कंडोम से कितने अलग हैं।
इस शब्द को लैटिन भाषा के कंडस से उठाया गया है। इसका अर्थ है संदूक। कुछ बुद्धिमान लोगों का कहना है कि कि फ्रांस की एक गुफा में इसकी कलाकृति मिली थी। जो करीब 5000 साल पहले की थी। इस आधार पर कहा जा सकता है कि कॉन्डम का इतिहास बहुत पुराना है। मर्दों से ज्यादा औरतें इसको खरीदती हैं। हैरानी की बात तो ये है कि दुनिया में बिकने वाले कुल कॉन्डम में से करीब 40 प्रतिशत कॉन्डम महिलाओं द्वारा खरीदा जाता है।
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सन 1832 में चार्ल्स गुडइयर द्वारा रबर कॉन्डम का आविष्कार किया गया था और 1844 में पेटेंट कराया गया था। 1855 में पहली रबर कंडोम का उत्पादन किया गया था और 1850 के दशक के अंत तक कई प्रमुख रबड़ कंपनियां अन्य वस्तुओं रबर कंडोम के बीच बड़े पैमाने पर उत्पादन करने लगी थी।
- पहला रबर कंडोम 1944 में बना था।
- इसको सूअर की आंत से बनाया गया था।
- एक कंडोम में 1 गैलन पानी भर सकते हैं।4. अपने शुरुआती दौर में कॉन्डम काफी छोटे साइज में आते थे।
- सबसे पुराना कॉन्डम 1640 में सामने आया था। इस वाले को ऑस्ट्रिया के म्यूजिम में रखा गया है।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. यह खबर इंटरनेट से ली गयी है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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