जानियें, किसने दी चीन को चेतावनी?

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जानियें, किसने दी चीन को चेतावनी?
जानियें, किसने दी चीन को चेतावनी?

जी हाँ, चीन को किसी ने चेतावनी दी, लेकिन स्पष्ट कर दें कि यह चेतावनी युद्ध को लेकर नहीं है, और इस चेतावनी का भारत-चीन तनाव से भी कोई लेना-देना नहीं है। उफ्फ! अब आप सोच में पड़ गये होंगे कि फिर किसने और क्यों दी है, चीन को चेतावनी? इससे भी बड़ा सस्पेंस तो यह है कि आखिर क्या चेतावनी मिली है चीन को? तो चलिए, अब आपके सस्पेंस को तोड़ ही देते है और बताते है कि किसने और क्यों दिया है चीन को चेतावनी?

चीन को बढ़ते कर्ज की चेतावनी दी गई है। जी हाँ, चीन पर बढ़ते कर्ज के बोझ को लेकर इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) ने चीन को चेतावनी दी है। आपको बता दें कि आईएमएफ का कहना है कि बढ़ता कर्ज चीन की इकोनॉमी को खतरनाक राह पर ले जा रहा है और चीन को आगे बड़ी मंदी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही रिपोर्ट में यह कहा गया है कि चीन को ग्रोथ को लेकर ऐसा कदम उठाना होगा, जो कि लंबे समय तक कारगर हो। चीन पर न सिर्फ कर्ज का खतरा मंडरा रहा है बल्कि चीन के बैंकिंग सेक्टर पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।

जानियें, क्यों चीन पर कर्ज का खतरा मंडरा रहा है

आपको बता दें कि आईएमएफ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल से चीन में इंफ्रास्‍ट्रक्चर और रियल एस्टेट में निवेश हो रहा है, जिसकी वजह से वहां की ग्रोथ तो बढ़ी है, लेकिन लगातार कर्ज बढ़ने से फाइनेंशियल क्राइसिस का खतरा बढ़ रहा है। साथ ही चीन को अपनी खपत को और बूस्ट करने के लिए रिफॉर्म्स पर फोकस करना चाहिए।

इसके साथ ही आईएमएफ ने अपने हाल की एक‍ रिपोर्ट में चीन के कर्ज का जिक्र किया है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल चीन का कुल कर्ज वहां की जीडीपी का 235 फीसदी था, अगर इसी तरह से कर्ज बढ़ता रहा तो 2022 तक चीन पर कुल कर्ज वहां की जीडीपी का 300 फीसदी तक पहुंच जाएगा। और यह चीन के लिए बड़ा संकट साबित हो सकता है। आईएमएफ के रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मिड टर्म के आते-आते चीन कर्ज में डूब सकता है, हालांकि चीन एक विकसित देश है और उसके पास क्षमता है, अगर वह चाहे तो खुद को इस खतरें से बचा सकता है।

चीन के बैंकिंग सेक्टर पर भी खतरा मंडरा रहा है

आपको यह भी बता दें कि आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि चीन के बैंकिंग सेक्टर पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं, कर्ज बढ़ने से पैसा वापसी में दिक्कतें आएंगी। ऐसे में बैंकों के कर्ज डूबने की स्थिति बन सकती है।

बहरहाल, चीन खुद को इस समस्या से ऊबार पाएगा या संकट को अपने गले लगाएगा, यह तो खैर वक्त ही बताएगा। लेकिन आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार, अगर चीन कर्ज में डूब जाएगा तो यह चीन के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं होगा।