80 के दशक में एक ऐसा मामला सामने आया था जिसने देश में खलबली मचा दी थी। राजा मान सिंह के मामले ने काफी सुर्खिया बटोरी थी। उस वक़्त रातों -रात राजा मानसिंह सुर्खियों में आगए थे। राजा मानसिंह राजस्थान की भरतपुर रियासत के महाराजा कृष्ण सिंह जी के तीसरे पुत्र थे। वर्ष 1985 में मानसिंह राजस्थान के भरतपुर में पुलिस एनकाउंटर के दौरान मारे गए थे और उसे एक दिन पहले उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर को अपनी जीप से जोरदार टक्कर मारी थी। इतना ही नहीं ऐसा करने से रैली को संबोधित करने आये मुख्यमंत्री के मंच को भी काफी नुकसान पहुंचा था लेकिन क्या आप जानते है की आखिर राजा मानसिंह थे कौन और ऐसी किसी घटना को अंजाम देने के पीछे उनकी क्या मनसा थी।
मानसिंह ने 1951 में राजनीति में अपना कदम रखा था। निर्दलीय प्रत्याशी रहते हुए भी अपने हर चुनाव में जीत हासिल करते और आम जनता के बीच काफी प्रसिद्धि प्राप्त की। इतना ही नहीं उन्हें किसानों में राजा के नाम से भी लोकप्रियता प्राप्त थी। वर्ष 1885 मं विधानसभा चुनाव के दौरान डींग क्षेत्र से राजा मान सिंह के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में रिटायर IAS बृजेंद्र सिंह को मैदान में उतरे।
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उस समय कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओ द्वारा उनके झंडे का अपमान किया गया जो उन्हें नागवार गुजरा. बस फिर क्या था राजा मानसिंह ने गुस्से में आग बबूला हो बैठे और करारा जवाब देते हुए अपनी जीप से सीएम के रैली स्थल को नुकसान पहुंचाया और हैलीपेड पर खड़े उनके हेलीकॉप्टर को भी जीप से जोरदार टक्कर मारी। वे इस घटना के बाद 21 फरवरी को आत्मसमर्पण करने अपने कुछ साथियों के साथ डींग थाने जा रहे थे इसी दौरान रास्ते में डिप्टी एसपी और पुलिसकर्मियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की जिससे मौके पर ही मानसिंह को अपनी जान ग्वानी पड़ी।