चीन अपने पड़ोसी देशों के साथ विवाद बढ़ाने से बाज़ नहीं आ रहा है। हाँग-काँग से लेकर दक्षिण चीन सागर और अमेरिका से लेकर भारत तक, हर मोर्चे पर चीन बखेड़ा खड़ा करने की भरपूर कोशिश में है+ लेकिन भारत और चीन के बीच इस विवाद पर रूस का क्या रुख है, वह आप रूस की सरकारी मीडिया की रिपोर्टिंग देखकर भली-भांति समझ सकते हैं।
रूस का ज़िक्र यहाँ इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि कोरोना काल में सिर्फ रूस ही एकमात्र ऐसा देश है जो चीन की तरफदारी करता दिखाई दे रहा है। वहीं रूस के भारत के साथ भी बेहद गहरे संबंध हैं। रशिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन ने जिस क्षेत्र पर कब्ज़ा जमाया है, वह भारतीय भूमि है, और चीन के दावों के ठीक उलट सम्पूर्ण लद्दाख क्षेत्र पर भारत शासन करने का वास्तविक अधिकारी है।
एक विशेषज्ञ से बातचीत के दौरान रशिया टुडे ने ये भी अनुमान लगाया कि ये सारे कारनामे चीन सिर्फ इसलिए कर रहा है ताकि भारत को वह अपने शक्ति प्रदर्शन से डरा सके, पर भारत भी चीन जैसे देशों से दबने वालों में से नहीं है। रशिया टुडे की इस रिपोर्ट में इस बात पर भी सहमति जताई गई है कि भारत को अपने क्षेत्र में विकास करने का पूरा पूरा अधिकार है, और चीन इसमें हस्तक्षेप करने वाला कोई नहीं होता है। इससे पूर्णतया स्पष्ट हो जाता है कि रूस के साथ-साथ वहाँ की सरकारी मीडिया में भी भारत के पक्ष में ही रुख बनता दिखाई दे रहा है।
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गौरतलब है कि रूस वैचारिक रूप से चीन का काफी हद तक समर्थन करता है, पर जब भारत और चीन में किसी एक को चुनना रहा हो, तो रूस की primary चॉइस भारत ही रहेगी। एक बात तो साफ है, यदि भारत और चीन में कोई बड़ा विवाद खड़ा होता है, तो रशिया बेशक युद्ध में शामिल नहीं होगा लेकिन वह बाहर से भारत को ही समर्थन ज़रूर देगा।
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