कोरोना महामारी ने दुनियाभर में आतंक मचा रखा है। भारत में कोरोना का आकड़ा 1 लाख के पार जा चूका है जो चिंता का विषय है लेकिन क्या आप जानते है कोरोना के बढ़ते मामलों का साल कारण क्या है और क्यों बड़े पैमाने पर कोरोना के संक्रमण का मामला सामने आरहा है। संक्रमण के मामलों में इजाफ़े की रिपोर्ट का कारण पहले की तुलना में टेस्टिंग अब ज़्यादा हो रही है। पिछले हफ़्ते एक लाख सैंपल पूरे देश में टेस्ट के लिए गए हैं।
टेस्ट करवाए जाने वालों के दायरे में अब उन लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों को भी जांच बड़े पैमाने पर हो रही है। जिनमें कोई लक्षण नहीं (एसिम्प्टोमैटिक) दिखाई पड़ रहे हैं। इसके बावजूद भारत की जगह दुनिया में सबसे कम टेस्ट दर वाले देशों में बनी हुई है। यहाँ प्रति दस लाख आबादी पर सिर्फ़ 2,198 टेस्ट ही हो रहे हैं। जहा साउथ कोरिया में बड़े पैमाने पर टेस्टिंग की जा रही है वही भारत अभी भी टेस्टिंग में पीछे साथ ही लॉक डाउन में ढील भी कोरोना संक्रमण का कारण है, जहां लोगो की आवाजाही के कारण कोरोना का संक्रमण में इजाफा देख रहा है।
कोरोना संक्रमण के मामले में इजाफ़े को देखते हुए अस्पताल में बिस्तर और दूसरे संसाधनों की मौजूदगी चिंता का कारण बनती जा रही है। डॉक्टर के अनुसार जुलाई में संक्रमण के मामलों में तेज़ी आने की आशंका जताई जा रही है। इसके बाद अस्पताल में बिस्तर और पर्याप्त सुविधाओं की कमी हो सकती है। जिसके कारण विकट समस्य पैदा हो सकती है इसलिए घर में रहकर ही कोरोना का निपटारा किया जा सकता है और इस घातक वायरस से बचा जा सकता है।