जानियें, कुत्तों का रंग नीला क्यों हो रहा है?

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जानियें, कुत्तों का रंग नीला क्यों हो रहा है?
जानियें, कुत्तों का रंग नीला क्यों हो रहा है?

जी हाँ, देश का ऐसा शहर है, जहाँ कुत्तों का रंग नीला पड़ रहा है। कुत्तों को नीलें रंग से रंगा नहीं जा रहा है। दरअसल, एक ऐसी बिमारी सामने आई है, जिसकी वजह से कुत्तों का रंग नीला होता जा रहा है। आइये जानते है कि आखिर पूरा मामला क्या है?

आपको बता दें कि मुंबई के नवी मुंबई में आजकल कुत्तों को एक अजीब बीमारी हो रही है। सफेद कुत्तों का शरीर नीला पड़ रहा है। कई कुत्ते इसके शिकार हो चुके हैं। कुत्ते के शरीर के बाल, फर का रंग बदल रहा है, खासकर तलोजा औद्योगिक क्षेत्र के पास रहने वाले कुत्तों के साथ ये ज्यादा हो रहा है।

क्यों नीलें पड़ रहे है कुत्तें

दरअसल, प्रदूषण की वजह से एक ऐसी बिमारी फैली है, जिसकी वजह से कुत्तों का शरीर नीला पड़ता जा रहा है। आपको बता दें कि ऐसा कसाड़ी नदी में औद्योगिक अपशिष्ट पदार्थों यानि गंदे पदार्थों का प्रवाह होने के कारण हो रहा है। कुत्ते जब कुछ खाने की खोज में नदी में जाते हैं, तो वहां गंदगी के कारण उनके शरीर का रंग नीला हो जाता है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में दर्ज की गई शिकायत

मुंबई के प्रदूषण नियंत्रण में मामले की शिकायत की गई है। खबर के मुताबिक, नवी मुंबई पशु संरक्षण सेल ने बुधवार को एक कुत्ते की तस्वीरें लीं, जिसका फर नीले रंग का हो गया था। यहां पशुओं के पीड़ित होने के बारे में जानकारी दी गई, क्योंकि औद्योगिक इकाइयों द्वारा नदियों में सीधे अपशिष्ट पदार्थ का प्रवाह किया जा रहा है। नवी मुंबई में एनिमल प्रोटेक्शन सेल चलाने वाली आरती चौहान ने कहा कि यह चौंकाने वाला था कि कैसे कुत्ते का सफेद फर पूरी तरह से नीला हो गया था। हमने 5 ऐसे कुत्तों को देखा है, जिनका रंग नीला पड़ गया था। साथ ही उन्होंने ऐसे उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा है।

प्रदूषण सिर्फ मानव जीवन के लिए ही खतरा नहीं बन चुका है,बल्कि धरती पर मौजूद सभी जीव-जन्तुओं के लिए भी खतरा का विषय बन गया है। इसका जीता-जागता उदाहरण है मुंबई में कुत्तों के शरीर का नीला पड़ जाना। देश-प्रदेश सरकार के साथ ही देश की जनता को भी जागरूक होना चाहिए। पर्यावरण ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाने चाहिए। पर्यावरण को बचाना ही वर्तमान समय की सबसें बड़ी चुनौती है। अगर पर्यावरण को बचाया नहीं गया तो परिणाम और भी खतरनाक हो सकते है।

बहरहाल, कुत्तों की सेहत को ध्यान में रखते हुए मुबंई के पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड को उचित कदम उठाने चाहिए, जिससे कुत्तों के शरीर को नीला होने से रोका जा सके।