क्यों भारत सरकार ने PUBG सहित 118 चीनी ऐप्स पर लगाया बैन?

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भारत सरकार ने एक बड़ी कार्यवाही करते हुए PUBG सहित चीन के 118 मोबाइल ऐप्‍स को बैन कर दिया है। इनमें पबजी जैसा बड़ा गेमिंग एप भी शामिल है जो किशोरों में काफी लोकप्रिय है। दो दिन पहले चीन की ओर से फिर से आक्रामकता दिखाने और भारतीय सेना की ओर से हुए प्रतिकार के बाद यह फैसला लिया गया है। चीन से टकराव बढ़ने के बाद से अब तक भारत सरकार चीन से जुड़े 224 मोबाइल एप पर रोक लगा चुकी है। इसमें कई क्लोन हैं। इन ऐप्‍स से देश की सुरक्षा के सेंध का खतरा बताया गया है।

प्रायवेसी के उल्लंघन के साथ ही ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा बताए गए हैं। इस लिस्ट में गेमिंग चायनीज ऐप्स शामिल हैं। इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रालय की ओर से लिए गए इस फैसले में जिन मोबाइल एप को प्रतिबंधित किया गया है, उनमें गेमिंग एप पबजी के अलावा बायडू, वी-चैट, लूडो वर्ल्ड, चेस रेस, गेम आफ सुल्तांस, यूकू, वीपीएन फार टिकटाक, यू-लाइक, टनटन जैसे एप शामिल है।

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दरअसल एक एप को बैन करने के बाद उसका क्लोन मार्केट में आ जाता है। सरकार ने इसकी पड़ताल कर उसे भी बैन किया है। मंत्रालय के मुताबिक यह फैसला सुरक्षा, संरक्षा और भारतीय संप्रभुता के लिहाज से लिया गया है। इससे पहले सरकार ने 15 जून को 57 चीनी ऐप्‍स को तब बैन कर दिया था जब गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सेना की झड़प हुई थी और दोनों देशों के बीच तनाव गहरा गया था। तब सरकार ने मशहूर ऐप Tiktok को भारत में बैन कर दिया था। इसके बाद 47 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया गया। चाइनीज ऐप्स को भारत में तीसरी बार बड़ा झटका लगा है।

सरकार ने इन एप पर रोक लगाने का यह फैसला उस समय लिया है, जब लद्दाख में चीन के साथ तनाव काफी बढ़ा हुआ है। मंत्रालय के मुताबिक यह फैसला देश में मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल करने के देशवासियों के लिए सेफगार्ड होगा। फिलहाल जिन 118 चीनी मोबाइल एप को बैन किया गया है, उनमें ज्यादातर मोबाइल गेमिंग एप हैं। पिछले कुछ दिनों से सरकार चीनी एप पर बैन के साथ ही भारतीय एप को विकसित और प्रचारित करने मे जुटी है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई भारतीय एप की प्रशंसा कर मोबाइल गेम बनाने के लिए भी स्टार्ट अप को प्रेरित कर चुके हैं। हाल के दिनों में प्ले स्टोर पर भी कई भारतीय एप लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचे हैं।

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पब्जी गेम को खेलने वालों में इस गेम को लेकर इतना क्रेज है कि इस पर लोग खर्च करने से भी परहेज नहीं कर रहे। एक सर्वे के मुताबिक 72 प्रतिशत के करीब लोग 300 रुपए से अधिक खर्च कर देते हैं। ये खर्च PUBG गेम में टूल्स, वीपन्स, कॉस्ट्यूम आदि को खरीदने में होता है। गेम को डाउनलोड तो मुफ़्त में किया जा सकता है लेकिन इसके लिए काफी डेटा भी खर्च करना पड़ता है।

भारत में 22 करोड़ से ज्यादा पब्जी खेलने वाले लोग मौजूद हैं जिसमें सबसे अधिक भागीदारी युवाओं की रही। एक रिपोर्ट के मुताबिक 40 करोड़ से ज्यादा पब्जी को डाउनलोड किया गया। पब्जी गेम ने भारत में हजारों करोड़ की कमाई की।

भारत में हुआ यह सर्वे बताता है कि किस तरह यह गेम भारत की युवा पीढ़ी को अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा था, जिसकी वजह से घंटों इस गेम को खेलते हुए कई तरह की शारीरिक व मानसिक बीमारियों के साथ ही तमाम तरह की घटनाएं भी हो रही थी। इसके लिए केवल और केवल PUBG गेम जिम्मेदार रहा। असल जिंदगी में परिवार से बढ़ती दूरियां, एकाग्रता में कमी, नींद की समस्या, चिड़चिड़ापन, अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ना, पढ़ाई से दूर भागना जैसी गंभीर समस्याएं उन लोगों को हो रहीं थी, जो PUBG गेम की लत लगा बैठे थे।

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