क्यों आयुष मंत्रालय ने पतंजलि की कोरोना दवाई के प्रचार पर रोक लगाई?

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चीन से निकला कोरोना वायरस दुनियाभर में तबाही मचा रहा है। काफी तेज़ी से इस घातक वायरस ने लोगों को संक्रमित किया है। कोरोना के मामलें दिन प्रति दिन बढ़ते जा रहे है। दुनियाभर में कोरोना संक्रमण का मामला 90 लाख के पार जा पहुंचा है। जो काफी ही चिंता का विषय है। अभी तक इस घातक वायरस के इलाज के लिए कोई टीक वैक्सीन या दवा इलाज के लिए सामने नहीं आई है। इसकी वैक्सीन और दवा पर शोध चल रहा है।

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इसी बीच पतंजलि आयुर्वेद के चीफ और योग गुरु बाबा रामदेव ने कोरोना वायरस से बचाव के लिए ‘कोरोनिल’ नामक आयुर्वेदिक दवा लॉन्च किया और साथ ही यह बड़ा ऐलान भी किया की इस दवाई के सेवन से कोरोना मरीज 1 हफ्ते के भीतर ठीक हो जाएंगे। उनके ऐलान से लोगों में एक उम्मीद की किरण जगी। लेकिन कुछ ही घंटे बाद आयुष मंत्रालय ने पतंजलि के दवा प्रचार पर रोक लगाने के निर्देश दिए। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है की । मंत्रालय के मुताबिक इस दवा के संबंध में कोई तथ्य और वैज्ञानिक शोध की जानकारी प्राप्त नहीं है। इस कारण दवा का प्रचार प्रसार नहीं किया जा सकता है।

कोरोना वायरस एक नया वायरस है जिसने कुछ ही महीने पहले दुनिया में दस्तक दी है। दुनिया के तमाम वैज्ञानिक और डॉक्टर्स कोरोना वायरस की दवा और वैक्सीन खोजने में जुटे गए है इसलिए कोरोना वायरस से जुड़ी किसी भी दवा को लॉन्च करने से पहले मंत्रालय की अनुमति लेना अनिवार्य है। बिना अनुमति और जांच पड़ताल के कंपनी इतना बड़ा दावा नहीं कर सकती कि यह कोरोना की दवा है।

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इससे पहले दवा के सभी तथ्य, रिसर्च, ट्रायल आदि की जानकारी मंत्रालय को देनी होती है। मंत्रालय के अनुमति के बाद ही किसी दवा को मार्किट में बेचने और उसका प्रचार करने की अनुमति मिलती है। मंत्रालय की तरफ पतंजलि ग्रुप को निर्देश दिए गाये है की कि इस दावे के परीक्षण होने तक इस दवा का प्रचार-प्रसार नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार के सम्बंधित लाइसेंसिंग अथॉरिटी से इस प्रोडक्ट की अप्रूवल की कॉपी भी मांगी गई है।

देखना होगा की पतंजलि ग्रुप अपने दावे को सही सिद्ध कर पायेगा या नहीं, वही दूसरी ओर देश में कोरोना के बढ़ते मामले मुसीबत का सबब बनते जा रहे कोरोना संक्रमण के मामलों में हर दिन इजाफा हो रहा है। सन्दर्भ में बहुत शोध जोरो पर है।

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