कुरुक्षेत्र को महाभारत युद्ध के लिए क्यों चुना गया ?

1999

कुरुक्षेत्र को महाभारत युद्ध के लिए क्यों चुना गया ?

यह सभी जानते है की श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश कुरुक्षेत्र में ही दिया था। जहां महाभारत का युद्ध हुआ था। महाभारत का युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध में दोनों तरफ से करोड़ो लोगो को अपनी जान गावनि पड़ी थी बहुत से लोग मारे गए थे। ये संसार का सबसे भीषण युद्ध था। उससे पहले न तो कभी ऐसा युद्ध हुआ था।

कुरुक्षेत्र महाभारत के भीषण युद्ध का साक्षी है , आज भी सैकड़ो लोगो के जेहन में एक सवाल उठता है की कुरुक्षेत्र ही आखिकार महारभारत के भीषण युद्ध के लिए क्यों चुना गया ? यह भूमि जो तत्कालीन सरस्वती और द्रिशावती नदियों के बीच स्थित थी, को अत्यधिक पवित्र, पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता था ।

mahabharata facts in hindi
mahabharata facts in hindi


कुरुक्षेत्र की धरती को महाभारत के युद्ध के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने ही चुना था, लेकिन उन्होंने कुरुक्षेत्र को ही महाभारत युद्ध के लिए क्यों चुना, यह सवाल अभी तक सबके जेहन में आता है। इसके पीछे का कारण जा कर आप भी हैरान हो जायेगे। शास्त्रों के मुताबिक, महाभारत का युद्ध जब तय हो गया तो उसके लिये जमीन तलाश की जाने लगी। भगवान श्रीकृष्ण इस युद्ध के जरिए धरती पर बढ़ते पाप को मिटाना चाहते थे और धर्म की स्थापना करना चाहते थे।


भगवान श्रीकृष्ण को ये डर था कि भाई-भाइयों के, गुरु-शिष्यों के और सगे-संबंधियों के इस युद्ध में एक दूसरे को मरते देखकर कहीं कौरव और पांडव संधि न कर लें एक दूसरे को मरता देख कही उनका दिल पसीज न जाए। इसलिए उन्होंने युद्ध के लिए ऐसी भूमि चुनने का निर्णये लिया गया।


जहां क्रोध और द्वेष पर्याप्त मात्रा में हों। इसके लिए श्रीकृष्ण ने अपने दूतों को सभी दिशाओं में भेजा और उन्हें वहां की घटनाओं का जायजा लेने को बोला गया। सभी दूतों ने सभी दिशाओं में घटनाओं की जांच कि भगवान श्रीकृष्ण को एक-एक कर उसके बारे में बताया गया। उसमें से एक दूत ने एक घटना के बारे में बताया कि कुरुक्षेत्र में एक बड़े भाई ने अपने छोटे भाई को खेत की मेंड़ टूटने पर बहते हुए वर्षा के पानी को रोकने के लिए कहा, लेकिन उसने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया।

mahabharata facts in hindi
mahabharata facts in hindi

इस पर बड़ा भाई गुस्से से आग बबूला हो गया और उसने छोटे भाई को छुरे से गोद कर मार डाला और उसकी लाश को घसीटता हुआ उस मेंड़ के पास ले गया और जहां से पानी निकल रहा था वहां उसकी लाश को पानी रोकने के लिए लगा दिया।

यह भी पढ़ें : भारत के इतिहास के सबसे खतरनाक हिन्दू शासक


दूत द्वारा सुनाई इस सत्य घटना को सुनते ही श्रीकृष्ण ने तय किया कि यही भूमि भाई-भाई, गुरु-शिष्य और सगे-संबंधियों के युद्ध के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। श्रीकृष्ण अब बिल्कुल निश्चिंत हो गए कि इस भूमि के संस्कार यहां पर भाइयों के युद्ध में एक दूसरे के प्रति प्रेम उत्पन्न नहीं होने देंगे। इसके बाद उन्होंने महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में करवाने की घोषण की।