सफेद चाय का मतलब कुछ लोग दूध से बनी चाय समझते हैं, लेकिन वो दूध से बनी चाय होती है. बता दें कि सफेद चाय तो सफेद पत्तियों से बनती है, जो शरीर के लिए काफी हेल्दी भी होती है और इतना ही नहीं वह काफी महंगी भी होती है. इस चाय को सर्दी में पिया जाता है, कुछ लोग तो इस चाय को छह से सात बार पी लेते है.
कहते है कि चाय पीना सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है. अगर आप अपने शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते है, साथ ही साथ चाय का मजा भी लेना चाहते है, तो आप सफेद चाय पिए. क्योंकि सफेद चाय में कैफिन की मात्रा काफी कम होती है.
बता दें कि सफ़ेद चाय 12 हजार रुपए किलो बिकती है. हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के पूर्व सियांग जिले में स्थित डोनी पोलो चाय बागान ने सफेद चाय 12,001 रुपये प्रति किलो बेची है. अभी तक में बेची गई चायों में से इस चाय की कीमत सबसे ज्यादा है.
यही नहीं इस चाय की पहली बार निलामी असम के गुवाहाटी स्थित टी नीलामी केंद्र में हुई थी. जहां इस नई तरह की चाय ने सबसे ज्यादा कीमत हासिल कर यहां के सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़े थे. यह सफेद चाय सफेद पत्तियों से बनाई जाती है. ये पत्तियां चाय की कलियों और नई पत्तियों के आसपास के सफ़ेद रेशे से मिलाकर बनाई जाती हैं. जो दिखने में हल्की ब्राउन या सफेद जैसे होती हैं इसलिए इसका नाम सफेद चाय पड़ गया
काफी गुणकारी है यह चाय
यह चाय काफी गुणकारी है और सेहत के लिए काफी फायदेमंद भी होती है, यह चाय काफी मंहगी भी होती है. इसे ‘संजीवनी चाय’ कहते हैं.
इस चाय में कैफीन कम होती है. जिससे भूख ना लगने की समस्या नहीं होती है, साथ ही नींद पर भी कोई असर नहीं डालती है, यह आपके वजन में भी सहायता करती है
इस चाय से आपके चेहरे पर झुर्रियां भी नहीं आती हैं. सेफद चाय पीने से आपको शारीरिक परेशानिया से भी छुटकारा मिल सकता है.
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सफेद चाय पीना इसलिए फायदेमंद है क्योंकि सफेद चाय का ना तो ऑक्सीकरण किया जाता है और न ही इसकी पत्तियों को कूटा-पीटा जाता है. इसलिए यह चाय बाकी चाय की तुलना में काफी हेल्दी होती है.