2019 के आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह १५ फ़रवरी को रैली करने वाले हैं. अमित शाह की ये रैली चुनाव के अलावा अहम राजनीतिक मुद्दों को उजागर करने के लिए भी होने वाली है. दूसरी तरफ वर्तमान स्थिति में अमित शाह की ये रैली क़ानूनी विवादों के दायरे में आ गयी है. हालातों को देखकर लग रहा है कि अमित शाह की रैली निष्कासित हो जायेगी.
रैली के खिलाफ खड़े हैं जाट
अमित शाह 15 फरवरी को हरियाणा के जींद में रैली करेंगे. इस दौरान बड़ी संख्या में बाइकों की रैली का आयोजन किया जाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस रैली में अमित शाह खुद भी बाइक से ही जाएंगे. रैली के खिलाफ (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) एनजीटी में एक अर्जी डाली गई है. एनजीटी में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि अमित शाह की रैली प्रदूषण के लिए खतरा हो सकती है, क्योंकि इसमें करीब 1 लाख से अधिक बाइक शामिल होंगी. इस याचिका में अमित शाह की रैली में शिरकत करने वाले मोटरसाइकिलों की संख्या कम किए जाने की मांग की गई है. इसी के जवाब में NGT ने केंद्र और हरियाणा सरकार से 13 फरवरी तक जवाब मांगा है. एक तरफ जहां एनजीटी में इस रैली के खिलाफ याचिका दायर की गई है तो दूसरी तरफ जाटों ने भी शाह की रैली का विरोध करने का ऐलान कर दिया है.
जाट संघर्ष समिति का दावा है कि उनकी मांगों को न मानने पर अमित शाह की रैली का विरोध होगा. दरअसल जाट समाज लगातार अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन करता आ रहा है. जाट समुदाय ने इससे पहले नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण की मांग की है. मांग पूरी न होने की वजह से जाटों ने फैसला लिया है कि शाह के हेलीकाप्टर को भी जमीन पर नहीं उतरने देंगे. उन्होंने धमकी दी है कि शाह की बाइक रैली को नहीं होने देंगे और इसे रोकने की हर संभव कोशिश करेंगे. इसके लिए ट्रैक्टर और ट्रॉली को इकट्ठा करने की योजना बनाई गयी है. अभी तक समिति की तरफ से जींद में 750 ट्रैक्टरों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है. वहीं, अन्य जिलों में समिति पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है.
काले झंडे दिखाकर विरोध जारी
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष जयबीर टिटोली का कहना है कि इस रैली के दौरान अमित शाह को काले झंडे दिखाकर विरोध जताया जाएगा. अगर पुलिस ने उन्हें रोका, तो वे बीच सड़क पर धरने पर बैठ जाएंगे. पूरे हरियाणा से 15 फरवरी को ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर जाट समाज के लोग लाखनमाजरा चौक पर आएंगे.