कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद भी क्या लॉकडाउन 5.0 नहीं आएगा?

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कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद भी क्या लॉकडाउन 5.0 नहीं आएगा

चीन से निकला कोरोना वायरस दुनियाभर में आतंक मचा रहा है। लॉकडाउन के बबजूद भारत में कोरोना के मामलें १ लाख के पार जा चूका है जो एक चिंता का विषय है। वही राहत की खबर यह भी है भारत में कोरोना से ग्रसित लोगों की रिकवरी रेट काफी अच्छी है , देशभर में 51,784 लोग कोरोना से ठीक हो गए।

वही कोरोना के कारण भारत बंद के दौरान दिल्ली , उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे महानगरों में काम करने वाले मजदूरों की पीड़ा सामने आई वो आपने घर जाने तथा आपने काम के ठप होने का दुःख देशभर में व्यक्त किया।

जहां सरकार की यह नीति थी की कोरोना के संक्रमण को कम करने के लिए लॉकडाउन देशभर में लागू हो वही इस कदम से देश को आर्थिक मार भी झेलनी पड़ी , जहां देश की आर्थिक हालत पहले ही खस्ता थी ,लॉक डाउन बेशक तोर पर कोरोना के मामलें को कम करने के लिए कारगर कदम साबित हो रहा है। जहां लॉकडाउन 3 और 4 में सरकार द्वारा आर्थिक गतिविधियों के सन्दर्भ में राहत दी गई है ताकि आर्थिक स्थिति पटरी पर आ जाये।

lockdown update

लेकिन देश के संभावित हालत को देखते हुए यह कयास लगाए जा रहे है कि लॉकडाउन 5 आने की उम्मीद कम है। भारत में रेल सेवा धीरे धीरे शुरू की जा रही है। श्रमिक ट्रेनों के बाद राजधानी रूट पर 30 ट्रेनें शुरू की गईं, अब एक जून से 200 और ट्रेनें चलाई जाएंगी इसके भी निर्देश दे दिए गए है। 25 मई से हवाई सेवा भी शुरू होने जा रही है।

फ़िलहाल देश लॉकडाउन अपने चौथे चरण में है। चौथे चरण के दौरान ही देश में कई चीज़ों में छूट दी गयी साथ ही इन छूटो के साथ सोशल डिस्टन्सिंग का पालन करने की भी अपील की गई है। कई तरह की आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की इजाज़त दी गई है। लोगों ने काम पर निकलना शुरू कर दिया है।

सड़कों पर मोटरसाइकल, कार और ऑटो रिक्शा चलने लगे है। साथ ही यह भी चिंता जताई जा रही है की सरकार द्वारा कुछ रियायतें देकर इस समस्या का समाधान करने की जदोजहत में जुटी है।

लॉकडाउन

लेकिन लिमिटेड कारोबार और दुकानें खुलेंगी तो माँग भी बढ़ना लाज़मी है। इससे लोगों की भीड़ एक जगह ज़्यादा होगी और सोशल डिस्टन्सिंग दार किनार हो जाएगी, अगर सरकार ऐसी स्थिति जहां हर दिन कोरोना के मामले बाद रहे है अगर लॉक डाउन पूरी तरह हटा देती है कोरोना का संक्रमण फैलने का ज्यादा खतरा है। चीन और साउथ कोरिया का उधारण हमारे सामने है।

वह लॉकडाउन को तब हटाया गया जब कोरोना के मामलें प्रति दिन के हिसाब से कम होने लगें, लेकिन भारत की मौजूदा हालत बहुत अलग है भारत में रोज़ नए मामले आरहे है और कोरोना का कहर दिनप्रति दिन बढ़ता जा रहा है।

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ऐसे में अगर लॉकडाउन हटा दिया गया तो यह आगे चलकर एक घातक कदम हो सकता है। जिन देशो में प्रतिबंध हटाए गाये वहां कोरोना के संक्रमण के नए मामले दर्ज हुए है इसके फलस्वरूप वहां फिर से प्रतिबंध लगाने पड़े। अगर यह भारत के साथ हुआ जहां पहले ही कोरोना के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है , कही लॉकडाउन खोलने से मामले और न बढ़ जाए यह स्वस्थ के साथ साथ अर्थवस्था के संदर्भ में भी एक घातक रूप ले सकता है।