UP के इस गाँव की महिलाएं करवाचौथ का करती हैं विरोध, जानिए क्यों

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Karwa Chauth Mathur vijau village
Karwa Chauth Mathur vijau village

करवाचौथ के दिन जब लगभग सभी विवाहित हिंदू महिलाएं उपवास कर रही होती हैं, मथुरा के विजौ गाँव की महिलाएँ अपने पति के जीवन को खतरे में डालने वाले इस त्यौहार को मनाने का विरोध करती हैं।

इस गाँव के रहने वाले किशोरी लाल चतुर्वेदी ने यहाँ करवाचौथ न मनाने का कारण बताया। उन्होंने कहा, “पिछले 200 वर्षों से, यह गाँव एक अभिशाप को झेल रहा है और जो कोई भी करवा चौथ का व्रत रखता है, वह अपने पति को खो देता है। यह अभिशाप एक ब्राह्मण महिला द्वारा दिया गया था, जिसके पति को यहाँ ग्रामीणों ने करवा चौथ पर पीट-पीटकर मार डाला था।”

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प्रचलित मान्यता के अनुसार, एक नवविवाहित ब्राह्मण और उसकी पत्नी करवा चौथ के दिन विजौ गाँव से गुजर रहे थे। कुछ स्थानीय लोगों ने उस व्यक्ति पर अपने बछड़े चुराने का आरोप लगाया और उसकी दुल्हन की मौजूदगी में पीट-पीटकर हत्या कर दी।

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दुल्हन ने महिलाओं को श्राप दिया और कहा कि करवा चौथ अब उनके पतियों के लिए मौत लेकर आएगा। बाद में उसने अपने पति की चिता पर जलकर मर गयी।

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चतुर्वेदी ने कहा, “तब से महिलाएं करवा चौथ पर व्रत नहीं रखती हैं, लेकिन सती मंदिर में पूजा करती हैं। यहां तक ​​कि पुरुष भी शादी से पहले सती मंदिर में प्रार्थना करते हैं।”

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इस गाँव की महिला गाँव से ‘सिंदूर’ भी नहीं खरीदती है और अपने माता-पिता के घर से लाए गए ‘सिंदूर’ का इस्तेमाल नहीं करती है। कई बार, जब कुछ महिलाओं ने परंपरा को धता बता दिया और करवा चौथ का व्रत रखा, तो उनके पति रहस्यमय परिस्थितियों में मारे गए।