लोकसभा में प्रस्तावित होगा महिला आरक्षण बिल!

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लोकसभा में प्रस्तावित होगा महिला आरक्षण बिल!
लोकसभा में प्रस्तावित होगा महिला आरक्षण बिल!

आज के युग में समाज में महिलाओं की भागीदारी को लेकर अनेकों प्रयास किये जा रहे है, लेकिन फिर भी न जाने क्यों महाओं को उनका अधिकार नहीं मिल पा रहा है। आज भी महिलाएं अपने घर से लेकर बाहर तक भेदभाव को सहन करती नजर आती है। सवाल यह खड़ा होता है कि महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिलते हुए भी क्यों नहीं मिल पा रहा है? क्या सिर्फ कानून की किताबों में ही महिलाओं का अधिकार बंद हो गया है, उसे समाज में पूरी जगह कब दी जाएगी? यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा होता है। आज महिलाओं के संसद में भागीदारी पुरूषों के बराबर करने की मांग एक कार्यकर्ता ने किया है। आइये खबर से रूबरू कराते है..

आपको बता दें कि ससंद में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के बराबर करने की मांग को लेकर महिला अधिकार की कार्यकर्ता रंजना कुमारी ने राष्‍ट्रपति से मुलाकात की। खबर के मुताबिक, राष्‍ट्रपति भवन में पहुंची रंजना कुमारी ने राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद से महिला आरक्षण बिल के मुद्दे पर बात की।

महिला आरक्षण बिल…

आपको बता दें कि राष्ट्रपति भवन में रंजना कुमारी ने महिलाओं के अधिकारों की चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओं को उनके अधिकार तभी मिल सकते हैं, देश की संसद में महिलाओं की ज्यादा संख्‍या हो। साथ ही कार्यकर्ता ने यह भी कहा कि जितनी संख्‍या में महिलाएं होंगी, उतने ही बेहतर ढंग से भारतीय महिलाओं की आवाज संसद तक पहुंचेगी।

राष्ट्रपति ने दिया आश्वासन…

महिला आरक्षण बिल को लेकर राष्ट्रपति ने आश्वासन दिया है कि वौ इस बिला को संसद में पारित करने की कोशिश करेंगे। आपको यह भी बता दें कि राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से रंजना कुमारी को आश्‍वासन दिया गया कि इस बार लोकसभा में न केवल यह बिल लाया जाएगा, बल्कि इसके पारित होने की भी संभावना हैं। साथ ही राष्‍ट्रपति ने यह भी कहा कि राज्‍यसभा में यह बिल पहले ही पास हो चुका है।

राष्ट्रपति से मिलकर रंजना ने जताई खुशी..

आपको बता दें कि महिला अधिकार की कार्यकर्ता राष्ट्रपति से मिलकर बहुत खुश हुई। साथ ही राष्‍ट्रपति के साथ हुई इस बातचीत का ब्‍यौरा रंजना कुमारी ने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया और उम्‍मीद जताई कि आने वाले दिनों में संसद में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का यह कदम रंग लाएगा।

बहरहाल, रंजना का यह कदम कब रंग लाएगा, यह तो खैर वक्त ही बताएगा,लेकिन महिला अधिकार के लिए उठाया गया यह कदम सराहनीय है।