जानिए लाल किले के अद्भुत रहस्य क्या है

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जानिए लाल किले के अद्भुत रहस्य क्या है

लाल किला एक अद्भुत कला का नमूना है, इतना ही नहीं यह इतिहास को भी अपने अंदर संजोए हुए है. इसलिए यहां पर घूमने के लिए विदेशी पर्यटक आते है. हम सभी लाल किले के बारे में बखूबी जानते है और कभी ना कभी एक बार यहां घूमने जरूर जाते है. क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे रहस्य है जोकि लाल किले से जुड़े हुए हैं. जिसके बारें में शायद ही हम जानते हो.


बता दें कि लाल किले का नाम इसके रंग के वजह से पड़ा है. ऐसा कहा जाता है कि यह पहले सफेद किले के नाम से जाना जाता था. पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भारत सरकार के अनुसार इसका कुछ हिस्सा चूने के पत्थर से बना है. जब सफेद पत्थर बंद हो गये, तो इसे अंग्रेजों द्वारा लाल पत्थरों से बनवाया गया था. इसकी काफी बड़ी बड़ी दीवारे है. जो किले को सुरक्षा प्रदान कराती है और इन दीवारों को लाल पत्थर से बनाया गया है. इसलिए इसे लाल किले का नाम दिया गया है.

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लाल किले का वास्तव में किला- ए – मुबारक नाम है. जोकि शाहजहां द्वारा आगरा से दिल्ली ले जाने के बाद बनवाया गया था. 10 साल में इसे उस्ताद हामिद और उस्ताद अहमद द्वारा 1638 में बनवाया गया था. जिसे 1648 में से पूरा किया गया.


ऐसा कहा जाता है कि कोहिनूर हीरा कभी लाल किले की दीवान-ए-खास में सिहासन का ताज हुआ करता था, जहां पर राजा वहां आऐ फरियादियों से मिला करते थे. लाल किले में दो दरवाजे होते थे जो पहला दरवाजा दिल्ली गेट व दूसरा लाहौर गेट था. बता दें कि इन गेटों का नाम दिल्ली और लाहौर क्यो पड़ा है? क्योंकि दिल्ली की तरफ खुलने के कारण दिल्ली गेट तथा लाहौर की तरफ खुलने के कारण लाहौर गेट नाम रखा गया है.

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इस किले से बाहर जाने का रास्ता बहुत ही छोटा है. जो नदी तक आसानी से पहुंचता है. यही नहीं नदी ने अपना रास्ता बदल लिया लेकिन गेट का नाम वहीं रहा. यह किला चिड़िया की आंख के आकार का है जो 265 एकड़ में फैला हुआ है.