Yogi Adityanath: गोरखपुर शहर से चुनाव लड़ेंगे योगी आदित्यनाथ, उनके ‘विरोधी’ और 4 बार के विधायक RMD अग्रवाल क्या करेंगे?

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Yogi Adityanath: गोरखपुर शहर से चुनाव लड़ेंगे योगी आदित्यनाथ, उनके ‘विरोधी’ और 4 बार के विधायक RMD अग्रवाल क्या करेंगे?

हाइलाइट्स

  • यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर सीट से चुनाव लड़ेंगे
  • यहां से 4 बार के मौजूदा विधायक RMD अग्रवाल की प्रतिक्रिया पर नजर
  • राधा मोहन दास अग्रवाल CM योगी आदित्यनाथ के मुखर विरोधी माने जाते हैं

गोरखपुर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के चुनाव लड़ने या न लड़ने को लेकर शंका के बादल छंट गए हैं। शनिवार को केंद्रीय चुनाव समिति की ओर से जारी बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट (BJP Candidate list) में योगी आदित्यनाथ का भी नाम है। योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर सीट से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि इस घोषणा के बाद अब इस सीट से 4 बार के मौजूदा विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल की प्रतिक्रिया पर नजर रहेगी।

‘ठाकुरों की सरकार है…’, कई बार छोड़े शब्दबाण
राधा मोहन दास अग्रवाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुखर विरोधी माने जाते हैं। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही अग्रवाल उन पर और उनकी सरकार पर आए दिन शब्दबाण छोड़ते रहे। कुछ दिन पहले राधा मोहन दास अग्रवाल का एक कथित ऑडियो भी वायरल हुआ। इस ऑडियो में वह एक बीजेपी नेता से बात कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कथित रूप से जातिवादी टिप्पणियां कीं। वायरल ऑडियो में एक जगह वह कहते हैं कि ठाकुरों की सरकार है इसलिए दबकर रहना चाहिए। उनके इस ऑडियो पर खूब बवाल हुआ। पार्टी ने भी उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था।

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बयान के लिए सीएम योगी ने भी लगाई थी फटकार
राधा मोहन दास का वायरल ऑडियो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक भी पहुंचा। ऑडियो को लेकर मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में जनप्रतिनिधियों के साथ एक बैठक में विधायक राधा मोहनदास अग्रवाल को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जाति के साथ जोड़कर किसी व्यवस्था को देखना गलत है। बैठक में मुख्यमंत्री ने बेहद सख्त लहजे में सबको मर्यादा में रहने की नसीहत दी। सीएम योगी ने कहा कि मेरे लिए गोरखपुर की छवि और विकास किसी व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण है। पार्टी का अनुशासन तोड़ने वाले पर सख्त कार्रवाई होगी।

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बीजेपी कार्यकर्ता के साले की हत्या के मुद्दे पर घेरा
इसके अलावा राधा मोहन दास कई मौकों पर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े करते रहे। अगस्त 2020 में विधायक ने आरोप लगाया कि लखीमपुर-खीरी में एक बीजेपी कार्यकर्ता के साले की हत्‍या के मामले में आला अफसरों ने उनकी बात नहीं सुनी। विधायक के मुताबिक, उन्होंने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और डीजीपी हितेश अवस्थी को 5-5 बार कॉल किया, मगर इन्होंने कॉल नहीं रिसीव। इसके बाद विधायक ने मुख्यमंत्री को टैग करते हुए ट्वीट कर दिया। इसके बाद अफसरों ने विधायक से फोन पर बात की। कुछ ही घंटे में आरोपी गिरफ्तार हो गया और कोतवाल को लाइनहाजिर कर दिया गया। विधायक ने पूरे घटनाक्रम को ट्विटर पर सार्वजनिक दिया और लिखा कि अपने विधायक होने पर गुस्सा आता है।

इंजीनियर को लेकर सांसद से भिड़े, तबादले पर मौर्या की जमकर की तारीफ
इसके अलावा पीडब्ल्यूडी के एक इंजीनियर के ट्रांसफर को लेकर भी उनके और सांसद रवि किशन के बीच ठन गई थी। सांसद रविकिशन और चार विधायक सहायक अभियंता के पक्ष में थे, तो बांसगांव से पार्टी सांसद कमलेश पासवान और उनके विधायक भाई विमलेश पासवान, राधा मोहन दास अग्रवाल के पक्ष में खड़े हो गए। कमलेश पासवान ने फेसबुक पोस्‍ट कर विधायक के समर्थन के साथ-साथ विकास कार्यों की गुणवत्‍ता पर भी सवाल उठाया। इंजीनियर के ट्रांसफर के लिए राधा मोहन दास ने लखनऊ में उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से भी मुलाकात की और आखिरकार इंजीनियर को मुख्‍यालय से सम्बद्ध कर दिया गया। इसके बाद एक ट्वीट करते हुए विधायक ने लिखा- ‘इसे कहते हैं नागरिकों के साथ अन्याय होने पर तुरंत कार्रवाई करने वाले उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री! फैसला ऑन द स्पाट- लाइक सलमान खान, नागरिकों को डुबाने वाले को त्वरित सजा।’

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गोरखपुर शहर सीट से ही योगी के उपचुनाव लड़ने की भी थी चर्चा
गोरखपुर शहर सीट का नाम अचानक ही चर्चा में नहीं आया। 2017 में गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें विधानसभा या विधानपरिषद का चुनाव जीतकर सदन पहुंचना था। तब भी गोरखपुर शहर सीट का नाम चर्चा में आया था। उस वक्त भी ऐसी चर्चा शुरू होने के साथ ही विधायक के तेवर गर्म हो गए थे और उन्होंने अपनी सरकार और पुलिस-प्रशासन पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। यहां तक कहा जाता है कि सीएम योगी आदित्यनाथ से शीतयुद्ध के चलते ही इतने सीनियर विधायक को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली।

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